कानून व्यवस्था

NAXALITE; सबसे बडे आपरेशन में अब तक 10 नक्सली ढेर, वायुसेना के हेलीकाप्टर समेत 5000 जवान तैनात

10 ढेर

0 ड्रोन के जरिए पूरे इलाके की निगरानी, निशाने पर कररेगुट्टा और नीलम सराय पहाड़ी

जगदलपुर, बस्तर से लगे तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू हुआ है। देश के मोस्ट वांटेड करीब 300 नक्सली नेताओं को घेरने के लिए बस्तर के DRG, STF, कोबरा, CRPF, बस्तर फाइटर, महाराष्ट्र से C-60 कमांडो और आंध्र के ग्रेहाउंड्स फोर्स के जवानों के साथ वायु सेना को भी शामिल किया गया है। इस ऑपरेशन में अब तक 10 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। 

दो दिन पहले ही ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक हथियारों से लैस वायु सेना के MI17 के हेलिकॉप्टर जगदलपुर, बीजापुर, तेलंगाना, आंध्र और महाराष्ट्र में तैनात किए गए। ड्रोन के जरिए पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है। हेलीकॉप्टर के जरिए जवानों की खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। इस ऑपरेशन पर छत्तीसगढ़ समेत देशभर की सुरक्षा एजिंसीयो की नजर टिकी हुई है। बीजापुर समेत महाराष्ट्र और तेलंगाना में पुलिस के आला अधिकारी मौजद हैं। तीन राज्यों से ऑपरेशन पर नजर रखी जा रही है। जवानों के निशाने पर कररेगुट्टा और नीलम सराय पहाड़ी है,जहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर नक्सल इतिहास के सबसे बड़े ऑपरेशन को लॉन्च किया गया। 

बता दें कि, छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र की सीमा पर करीब 5 हजार जवान तैनात किए गए हैं। जवानों ने हिड़मा, दामोदर, देवा समेत कई बड़े लीडर और उनकी बटालियन को घेर लिया है। करीब 300 नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना मिली है। यह ऑपरेशन 12 घंटे से अधिक समय से चल रहा है। इंटेलिजेंस के अनुसार, नक्सलियों के पास पर्याप्त राशन-पानी नहीं है। 

नक्सलियों की कई कंपनियां मौजूद
इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1,2 समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं। बड़े नेता हिड़मा, देवा, विकास समेत तेलंगाना-महाराष्ट्र-आंध्र की सेंट्रल कमेटी, DKSZCM (दंण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी), DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर), ACM (एरिया कमेटी मेंबर), संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर्स ते नक्सली भी यहां मौजूद हैं। 

अब लाल आतंक का होगा अंत- बस्तर आईजी सुंदरराज पी 

बस्तर आईजी सुंदरराज पी बोले- अब लाल आतंक का अंत होगा। बीजापुर-तेलंगाना सरहदी इलाकों में बड़ा ऑपरेशन जारी है। उन्होंने कहा कि, चाहे नक्सली आकाश में छिपें या पाताल में अब उनका खात्मा होगा। वे किसी भी हाल में नहीं बक्शे जाएंगे।  

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