राज्यशासन

9 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ पटनायक सरकार की बड़ी कार्रवाई, तीन को काम से निकाला तो छह की पेंशन हुई बंद

भुवनेश्वर,  सार्वजनिक जीवन के क्षेत्र में उच्च नैतिकता और ईमानदारी को सदैव तवज्जो दे रहे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक बार फिर 9 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को जहां तीन भ्रष्ट अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, तो वहीं सेवानिवृत्त हो चुके 6 अधिकारियों की पेंशन बंद कर दी है।

आज इन 9 अधिकारियों पर हुई है कार्रवाई

  • इन नौ व्यक्तियों में से कटक जिले के आरडब्ल्यूएसएस डिवीजन-दो के पूर्व कार्यकारी अधिकारी शिवराम बिश्वाल शामिल हैं। भ्रष्टाचार के एक मामले में बिश्वाल को दोषी पाए जाने के बाद उनकी पेंशन स्थायी रूप से बंद कर दी गई है।
  • इसी तरह, कालाहांडी जिले के करलामुंडा ब्लॉक के पूर्व बीडीओ (सेवानिवृत्त ओएएस अधिकारी) श्री गंडाराम खमारी की पेंशन और ग्रेच्युटी को भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद स्थायी रूप से रोक दिया गया है।
  • नवरंगपुर जिले के उमरकोट के पूर्व सहायक कृषि अधिकारी गोकुल चंद्र नायक को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया गया है। उन्हें भ्रष्टाचार और अक्षमता के कारण नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
  • जी. उदयगिरी के पूर्व सहायक कृषि अधिकारी श्रीकृष्णचंद्र गौड़ को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाया गया है। ऐसे में सरकार ने उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी को स्थायी रूप से बंद कर दी है।
  • मलकानगिरी जिले के पूर्व मृदा संरक्षण अधिकारी दाशरथी त्रिपाठी को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी पाया गया है। ऐसे में उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी को स्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
  • बरगढ़ जिला सोहेला के आरडब्ल्यूएसएस के पूर्व कनिष्ठ अभियंता उपेंद्रभंज नायक सरकारी अधिकारी होने के बावजूद ईमानदारी से कार्य करने एवं कर्तव्य पालन करने में विफल रहे। इसके साथ ही, उनके व्यवहार में कोई शिष्टाचार नहीं था। उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है और उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
  • सुंदरगढ़ जिला स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग के पूर्व लेखा परीक्षक सुशील कुमार मेहर को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया गया है। उन्हें भ्रष्टाचार और अक्षमता के कारण नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
  • मयूरभंज उदला के पूर्व सामाजिक शिक्षा अधिकारी आनंद चंद्र नायक को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी पाया गया है और उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी को स्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
  • नयागढ़ जिले के चांदपुर के पूर्व डीएमएसएन अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र नाथ पति को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया गया है। उन्हें मिलने वाली पेंशन को स्थायी रूप से रोक दिया गया है। 197 भ्रष्‍ट अधिकारियों के खिलाफ सीएम की कार्रवाई मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को जिन नौ और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें कार्यकारी अभियंता, ओएएस अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी, सामाजिक शिक्षा अधिकारी, लेखा परीक्षक, कनिष्ठ अभियंता जैसे विभिन्न क्षेत्रों के अधिकारी शामिल हैं। इस तरह से मुख्यमंत्री ने अब तक 197 भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त या अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर चुके हैं या फिर उनकी पेंशन रोक दी है। गौरतलब है कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हमेशा सार्वजनिक जीवन के क्षेत्र में उच्च नैतिकता और ईमानदारी को बनाए रखने पर जोर दिया है। उन्होंने हमेशा अक्षम और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ शून्य सहिष्णुता के दृष्टिकोण पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री ने पारदर्शी, कुशल और जवाबदेह प्रशासन के माध्यम से लोगों को सेवाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि अब तक 197 भ्रष्ट अधिकारियों में मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई की है।

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