POLITICS; बस्तर से सरगुजा तक के नेताओं का राजधानी में डेरा, चुनाव परिणाम के पहले ही लाबिंग शुरु,बाबा के बंगले में वाहनों की लाइन
रायपुर, पिछली बार के मंत्रिमंडल के गठन से सीख लेते हुए इस बार कई विधायक प्रत्याशी अभी से लाबिंग करने में जुट गए हैं। रायपुर में पार्टी नेताओं के बंगलों पर कई प्रत्याशियों ने डेरा जमा लिया है। दिल्ली में पार्टी हाईकमान के पास उठने-बैठने वाले नेताओं से नियमित संवाद कर अपने मंत्री बनने के लिए जुगाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले भारी बहुमत ने विजयी हुए बहुत से कांग्रेस के विधायकों की महत्वाकांक्षाओं को अधूरा कर दिया था। मुख्यमंत्री का एक ही पद है, मंत्रियों की संख्या भी सीमित है। इसलिए कई वरिष्ठ विधायक भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए थे। कहा जा रहा है कि वरिष्ठ प्रत्याशियों के साथ, दूसरी बार चुनाव जीतने की आशा लेकर बैठे प्रत्याशी मंत्री पद से नीचे समझौता ही नहीं करना चाह रहे हैं। सबसे अधिक लाबिंग यही प्रत्याशी कर रहे हैं। कांग्रेस के साथ ही भाजपा प्रत्याशियों की भी यही स्थिति है। वहां भी जीत से पहले मंत्री पद का जुगाड़ करने वाले प्रत्याशियों की भीड़ है।
पहली बात टिकट का था। किसी तरह टिकट मिला तो प्रत्याशी प्रचार में भिड़ गया। अब मतदान हो चुका है। तीन दिसंबर को यह तय हो जाएगा कि किसके सपनों को उड़ान मिलनी है, लेकिन बात अब विधायक पद से आगे बढ़ती जा रही है। भाजपा-कांग्रेस के विधायक प्रत्याशी मंत्री बनने के लिए अभी से अपना पूरा जोर लगा रहे हैं।
माना यही जा रहा है कि यदि पिछली बार की तरह किसी दल को एकतरफा सीटें न मिलें तो ही कई वरिष्ठों को मंत्री पद का सुख मिल पाएगा। विशेष रूप से कांग्रेस के विधायक प्रत्याशी इस गुणा-भाग में जुटे हैं कि अभी से मंत्री पद के लिए वरिष्ठ नेताओं की सहमति ले ली जाए। परिणाम आ गया तब विधायकों को बहुत सारे समीकरणों के आधार पर मंत्री बनाया जाएगा। तब नंबर लगे या न लगे, इसलिए अभी से प्रयास शुरू कर दिया गया है।
रात तक बैठक
राजधानी में राजनीतिक के दिग्गजों के बंगले में रात तक बैठक चल रही है। कभी रात्रि भोज के बहाने तो कभी अनौपचारिक मुद्दे को लेकर पार्टी के प्रमुखों से प्रत्याशी मुलाकात कर रहे हैं। कुछ प्रत्याशियों ने बंगले में ही शक्ति प्रदर्शन कर दिया। वे अपने आपको बड़े नेताओं का भी करीबी बता रहे हैं। साथ ही यह समीकरण समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि चुनाव जीतने के बाद वे पार्टी को कितना बड़ा फायदा पहुंचा सकते हैं। कुछ बागियों का उदाहरण भी इन बैठकों में प्रस्तुत किया जा रहा है।
बाबा के बंगले में भीड
उप मुख्यमंत्री टीएस बाबा के बंगले में कई प्रत्याशियों का आना-जाना जारी है. जहां सुबह से शाम तक गाडियों की लाइन लग रही है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज स्वयं मंत्री पद की दौड़ में बताए जा रहे हैं। उनके आवास पर भी बस्तर क्षेत्र के प्रत्याशियों का तांता लगा है। इसके साथ ही प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से मिलने के लिए कार्यकर्ता कतार पर हैं। बस्तर से दंतेवाड़ा प्रत्याशी व स्व. महेंद्र कर्मा के पुत्र छविंद्र कर्मा सहित अन्य प्रत्याशी मोहन मरकाम, संतराम नेताम रायपुर आ चुके हैं। बिलासपुर संभाग से जशपुर कांग्रेस प्रत्याशी विनय कुमार भगत, पत्थलगांव से रामपुकार सिंह राजधानी में हैं।
भाजपा में भी लाबिंग
वहीं, भाजपा प्रत्याशी रायमुनि भगत, विष्णुदेव साय, गोमती साय का रायपुर दौरा हो चुका है। भाजपा में ज्यादातर प्रत्याशी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. रमन सिंह व प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव से संपर्क साधने में लगे हैं। कोंडागांव प्रत्याशी व पूर्व खेल मंत्री लता उसेंडी सहित नारायणपुर प्रत्याशी व पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप, बीजापुर प्रत्याशी व पूर्व मंत्री महेशा गागड़ा लाबिंग में जुट चुके हैं। कुरूद से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर राजधानी में डटे हुए हैं। धमतरी प्रत्याशी रंजना साहू सहित धमतरी से कांग्रेस प्रत्याशी ओंकार साहू, सिहावा से अंबिका मरकाम, कुरूद से तारिणी चंद्राकर का रायपुर दौरा हो चुका है। मतगणना के पहले दोनों पार्टियों के प्रमुख प्रत्याशियों की बड़ी बैठक रायपुर में होने वाली है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता स्व. मोतीलाल वोरा के पुत्र व दुर्ग से कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा का भी रायपुर का लगातार दौरा जारी है।