जिला प्रशासन

FRAUD;चुनाव के पहले विकास कार्यों के नाम पर फर्जीवाडा, फाइलों में काम दिखाकर किया करोड़ों का फर्जी भुगतान…

गडबडी

गरियाबंद. जिले के आदिवासी बहुल देवभोग जनपद की पंचायतों में 15वें वित्त आयोग के फंड के दुरुपयोग का मामला सामने आया है. कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म होने वाला है, ऐसे में चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही 50 पंचायतों ने महज 15 दिनों में 2.43 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया.

मूडागांव पंचायत में ग्रामीणों की शिकायत के बाद अन्य पंचायतों की गड़बड़ियों का भी खुलासा हुआ है. मूडागांव पंचायत के पंचों और ग्रामीणों ने सरपंच सचिव के खिलाफ 15वें वित्त योजना के कार्य के साथ अन्य योजना में मनमानी का आरोप लगा कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत से शिकायत किया है. मूडागांव पंचायत के उपसरपंच और पंचों ने सरपंच व सचिव पर योजनाओं में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कलेक्टर व सीईओ से शिकायत की है. ग्रामीणों ने बताया कि बिना प्रस्ताव पास किए फर्जी कार्य योजनाएं बनाई गई और 10 लाख रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया गया. गांव में कूड़ेदान, सफाई और हैंडपंप जैसे कार्य जमीन पर नहीं दिखे, जबकि उनके लिए भुगतान हो चुका था. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरपंच के पति अगला चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, इसलिए सरकारी फंड का उपयोग मतदाताओं को लुभाने में किया जा रहा है.

50 पंचायतों ने 2.17 करोड़ रुपये निकाले

शिकायत में बताया कि 8 से 26 दिसंबर के बीच 50 पंचायतों ने 2.17 करोड़ रुपये निकाले. इनमें 15 पंचायतों ने 5 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया. कई पंचायतों में कार्य केवल कागजों पर ही पूरे दिखाए गए. शिकायत के बाद जांच के लिए अधिकारी गांव पहुंचे तो कई फर्जी भुगतान उजागर हुए.जानकारी मुताबिक, 5 लाख से ज्यादा का आहरण करने वाले पंचायत में ग्रा पं बाड़ीगांव 5,96,888 रु, ग्रा पं बरबहली 7,40,324 रु, ग्रा पं धौराकोट 6,15,682 रु, ग्रा पं डोहल 5,88,800 रु, ग्रा पं डूमरबहाल 13,85,590रु, ग्रा पं गंगाराजपुर 7,49,900 रु, ग्रा पं झाखरपारा 5,71,100रु, ग्रापं केटपदर 10,58,870 रु, ग्रा पं करचिया 7,76,492रु, ग्रापं लाटापारा 5,17,478रु,ग्रा पंच मुड़ागांव 9,51,580,ग्रा पं नवागुड़ 54,300रु, ग्रा पंच निष्टीगुड़ 4,96,020रु, ग्रा पं सुकलीभाटा 7,18,930रु, ग्रा पंच सितलीज़ोर 10,65,000 रु, ग्रा पं उसरीपानी 7,46,080रु का आहरण किया है.

15वें वित्त आयोग की राशि के उपयोग के लिए पंचायतों को प्रस्ताव पारित कर कार्य योजना बनानी होती है. नियमों के अनुसार, कार्य शुरू होने से पहले एडवांस में 30%, प्रगति पर 30% और कार्य पूरा होने पर 40% भुगतान किया जाता है. लेकिन इन नियमों को दरकिनार कर फंड का दुरुपयोग किया गया.

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