कानून व्यवस्था

FRAUD; कुलपति हुई ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ की शिकार,14 लाख की ठगी

फ्राड

भुबनेश्वर, उडीसा के बरहामपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर गीतांजलि दास द्वारा डिजिटल गिरफ्तारी का आरोप लगाते हुए दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस ने उनके साथ हुई 14 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले की जांच शुरू की है।

उनकी शिकायत के आधार पर बरहामपुर साइबर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। प्रो. दाश ने पुलिस को बताया कि एक अज्ञात कॉलर ने खुद को ईडी अधिकारी बताकर उन्हें चार दिनों के लिए ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में रखा। फिर उसने उनकी रिहाई के लिए 14 लाख रुपये मांगे।

पुलिस ने कहा कि साइबर अपराधियों ने वीसी को बताया कि उनका आधार नंबर वित्तीय अनियमितताओं के एक मामले से जुड़ा हुआ पाया गया है, जिसकी निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। जालसाज ने उन्हें अलग-अलग मौकों पर फोन किया और 14 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए मजबूर किया। बरहामपुर एसपी सरवण विवेक एम ने बताया कि साइबर थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, प्रोफेसर दाश को 12 फरवरी को एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को ईडी अधिकारी बताया और उन पर एक मामले में शामिल होने का आरोप लगाया।

जालसाज ने कुलपति से कहा कि उनके नाम से केनरा बैंक में खाता खोला गया है और उनके नाम पर करोड़ों रुपये जमा किए गए हैं। प्रोफेसर दाश को डरा धमकाकर जालसाज ने शाम के समय उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा।

प्रोफेसर दाश ने चेक के जरिए रकम का भुगतान किया, लेकिन बाद में जब जालसाज ने उनके फोन का जवाब नहीं दिया तो उन्हें शक हुआ। बरहामपुर एसपी ने बताया कि फोन करने वाले का मोबाइल फोन बाद में बंद पाया गया। प्रोफेसर दाश से उनकी टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका।

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