आवास आबंटन

रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सरकारी बंगले को लेकर फिर खींचतान देखी जा रही है। कुछ नेता -अफसर एक से अधिक सरकारी बंगला अपने पास रखे हुए हैं, तो इधर सांसद को एक आवास उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इससे परेशान बीजेपी के राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह देव ने सिविल लाइन के बस्तरबाड़ा पर अपने नाम की नेमप्लेट लगा दी है। हालांकि गृह विभाग ने यह बंगला एसएसपी कार्यालय के लिए आवंटित किया है। गृह विभाग ने इस संबंध में 30 जनवरी को आदेश जारी किया था, लेकिन उसके पहले ही बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने आदेश को नकारते हुए बंगले पर कब्जा जमा लिया है।
रायपुर कलेक्टोरेट परिसर में कलेक्टर, एसपी समेत अन्य विभाग के लिए कम्पोजिट बिल्डिंग बनाने का प्लान है। इसके लिए टेंडर भी हो चुका है और काम जारी है। बिल्डिंग बनाने के लिए एसएसपी कार्यालय को खाली किया जाना है, इसलिए सिविल लाइन के बंगले को आवंटित किया गया है। बीजेपी ने अप्रैल 2024 में देवेंद्र प्रताप सिंह देव को राज्यसभा में भेजा था। अभी तक उन्हें राजधानी में बंगला आवंटित नहीं हुआ है। ऐसे में उन्हें शहर के बीच ये बंगला पसंद आया। लिहाजा उन्होंने बंगले में कब्जा जमाना ही सही समझा। उन्होंने गेट पर अपने नाम के नेम प्लेट लगाये हैं।
इस बंगले को कांग्रेस सरकार में तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री मोहन मरकाम को आवंटित किया गया था। मोहन मरकाम के खाली करने के बाद इस बंगले को एसएसपी ऑफिस को आवंटित कर दिया गया था। इस बीच एसएसपी कार्यालय शुरू होने के पहले ही राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने इस पर अपना कब्जा कर लिया है। इस बात की चर्चा है कि उन्होंने सीएम से बंगला मांगा पर तब जब नहीं मिला तो एसएसपी को एलॉट हुए बंगले पर अपने नाम के पांच नेमप्लेट लगा दिये।

पुलिस कप्तान के ऑफिस पर कब्जा ?
मामले में सियासत भी गरमाई हुई है। कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी जमीन और सम्पत्ति पर अवैध कब्जा के नाम से विख्यात साय सरकार और भाजपा नेताओं ने अब सीधे रायपुर पुलिस कप्तान के आधिकारिक ऑफिस पर ही कब्जा कर लिया है।भाजपा के राज्यसभा सांसद के अवैध कब्जे से रायपुर पुलिस कप्तान खुद परेशान हैं तो वे कैसे आम जानता को न्याय दिलवायेंगे। राजधानी रायपुर में लगातार अपराध बढ़ रहा है और अब पुलिस कप्तान के ऑफिस में कब्जा होना बेहद शर्मनाक है। गृहमंत्री विजय शर्मा स्पष्ट करें कि उनके ही निर्देश पर ही राज्यसभा सांसद ने रायपुर पुलिस कप्तान के ऑफिस में कब्जा किया है। यदि पुलिस कप्तान के ऑफिस में राज्यसभा सांसद निवास करेंगे तो क्या पुलिस कप्तान अपना ऑफिस रोड पर लगायेंगे?