RAIN;10 मृत, 34 लोग लापता, 400 घर टूटे! हिमाचल की सराज घाटी में सबसे बड़ी त्रासदी, नेटवर्क, सड़क, बिजली-पानी सब ठप
तबाही

मंडी, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बुधवार को हल्की धूप खिली है. वहीं, राहत और बचाव का काम भी तेज हो गया है. सड़कों को खोलने के लिए प्रशासन ने मशीनरी उतारी है. वहीं, अब तक जिले में 10 लोगों की मौत हो चुकी है, 34 लोग लापता हैं.
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार देर रात कुदरत का ऐसा कहर बरपा कि कई जिंदगियां इसकी चपेट में आ गईं। जिले के 3 अलग-अलग इलाकों में बादल फटने से भारी बारिश और भूस्खलन हुआ, जिससे जानमाल का भारी नुक्सान हुआ है। मंडी जिला के जिन इलाकाें में बादल फटने की घटनाएं पेश आई हैं, उनमें करसाेग, गाेहर और धर्मपुर शामिल हैं। जिला प्रशासन द्वारा मिली जानकारी के अनुसार अब तक 4 लोगों की मौत हो गई। इनमें करसोग में 1, गोहर में 2 और जाेगिंद्रनगर के नेरी काेटला में 1 व्यक्ति की माैत पुष्टि हुई है, जबकि जिले के अलग-अलग इलाकाें से 16 से लोग लापता बताए जा रहे हैं। उधर, चंडीगढ़-मनाली फोरलेन पर कुल्लू और मंडी के बीच दवाड़ा में लैंडस्लाइड हो गया। रात से यहां ट्रैफिक बंद है। हाईवे खुलने के इंतजार में लोगों ने टनल में ही सोकर रात गुजारी। मंडी जिला के उपमंडल में भी मूसलाधार बारिश के चलते काफी ज्यादा नुक्सान हुआ है।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में इस मॉनसून ने एक बार फिर भयंकर कहर बरपाया है। जिले के गोहर, थुनाग और सराज घाटी में भारी तबाही हुई है। मंगलवार को गोहर और थुनाग से नुकसान की खबरें सामने आई थीं, लेकिन सराज घाटी का तो दुनिया से पूरा संपर्क ही टूट गया था। अब धीरे-धीरे वहां की तबाही की खौफनाक तस्वीरें सामने आने लगी हैं।
सराज के लोगों ने मुश्किल से पहाड़ियों पर चढ़कर अपने फोन से विनाश के मंजर की तस्वीरें और वीडियो साझा किए हैं, क्योंकि यहां पर नेटवर्क, सड़कें, बिजली और पानी पूरी तरह से ठप हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, अकेले थुनाग उपमंडल में लगभग 400 से ज़्यादा रिहायशी मकान आंशिक या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लोग बेघर होकर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। अस्पताल, स्कूल और अन्य सरकारी इमारतें भी इस आपदा की चपेट में आ गई हैं। थुनाग का भी दुनिया से संपर्क टूट गया है।
सबसे हृदय विदारक खबर थुनाग बाजार से आई है, जहां सात शव बरामद किए गए हैं. वहीं, देजी पखरैर से 12 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, जिससे वहां और भी हताहतों की आशंका बढ़ गई है। जरोल बाजार भी पूरी तरह से बर्बाद हो गया है, जहां एक शव मिला है। पांडवशीला में भी एक शव बरामद हुआ है और दो लोग लापता बताए जा रहे हैं।
राहत और बचाव कार्य में भी भारी चुनौतियां आ रही हैं। पुलिस की टीमें किसी तरह जंजैहली तक ही पहुंच पाई हैं, जबकि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम बगस्याड तक पहुंच पाई है। टूटी हुई सड़कें और ध्वस्त पुल बचाव दल के लिए सबसे बड़ी बाधा बन गए हैं। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर फंसे हुए लोगों तक पहुंचने और उन्हें सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
यह त्रासदी मॉनसून की विनाशकारी शक्ति का एक और प्रमाण है, जिसने मंडी जिले के इन इलाकों को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है। लोगों को सामान्य जीवन में लौटने में लंबा समय लगेगा और इस क्षति से उबरने के लिए बड़े पैमाने पर राहत और पुनर्वास की आवश्यकता होगी।