ACTION; ब्राह्मणों के बाद हाईकोर्ट… संतोष वर्मा पार करने लगे हदें तो टूटा सरकार का सब्र, ‘पावर’ खत्म और IAS की कुर्सी भी जाएगी

भोपाल, लंबे इंतजार के बाद सरकार का सब्र टूट गया। इसके बाद आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ गुरुवार देर रात मोहन सरकार ने सख्त एक्शन ले लिया है। ऐसे में सवाल यह है कि सरकार ने एक्शन लेने में इतनी देर क्यों लगा दी। इनके बयान को लेकर पूरे देश में बवाल चल रहा था। मगर संतोष वर्मा सुधरने का नाम नहीं ले रहे थे। सरकारी नोटिस के बावजूद वह बेतुके बयान दे रहे थे। साथ ही अब हद पार करने लगे थे। ब्राह्मणों के बाद आईएएस संतोष वर्मा कोर्ट पर टिप्पणी करने लगे थे। ऐसे में सरकार के लिए वह मुसीबत बनते जा रहे थे।
हाईकोर्ट पर उठाए सवाल
संतोष वर्मा के बयान के बाद ब्राम्हण समाज में आक्रोश था। लगातार सरकार से कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद सरकार ने सिर्फ उन्हें नोटिस जारी किया था। नोटिस जारी करने के बावजूद वह विवादित बयान दे रहे थे। उन्होंने सांसद चंद्रशेखर आजाद के सुर में सुर मिलाते हुए कहा था कि कितने संतोष वर्मा को मारोगे, हर घर से एक संतोष वर्मा निकलेगा। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट पर सवाल उठाया। साथ ही संतोष वर्मा ने कहा कि एससी-एसटी को हाईकोर्ट सिविल जज नहीं बनने दे रहा है। यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद था।
सरकार का टूट गया सब्र
आईएएस संतोष वर्मा के इन बयानों से सरकार असहज हो रही थी। चेतावनी के बाद भी यह सुधरने का नाम नहीं ले रहे थे। इसके बाद गुरुवार रात 11 बजे सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। इनको पूरी तरह से बेकाम कर दिया है। अब इनके पास कोई काम नहीं है। किसान एवं कृषि कल्याण विभाग के उप सचिव पद से हटा दिया गया है। साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग में बिना काम के इन्हें अटैच कर दिया गया है। अब सिर्फ कार्यालय जाएंगे लेकिन इनके पास कोई काम नहीं होगा।
बर्खास्त करने की तैयारी
संतोष वर्मा पर पहले से आरोप है कि उन्होंने कूटरचित दस्तावेजों के सहारे आईएएस में प्रमोशन लिया है। इसे लेकर इनको जेल भी हुई थी। रीवा सांसद समेत ने कई लोगों ने इसे लेकर शिकायत भी की थी। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसी आधार सरकार केंद्र को इन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश भेजेगी। साथ ही सरकार की तरफ से जो नोटिस इन्हें भेजा गया था, उसके जवाब भी संतोषजनक नहीं हैं। राज्य सरकार ने इनके खिलाफ चार्जशीट जारी करने का निर्णय लिया है।यही नहीं, विवादों की वजह से संतोष वर्मा का प्रमोशन भी रुक गया है। वह अभी उप सचिव थे और अपर सचिव बनने वाले थे। विवादों की वजह से मामला यहां अटक गया है। इनके खिलाफ एक क्रिमिनल केस और दो विभागीय जांच भी पेंडिंग है।




