POLITICS

रवि भोई
साय मंत्रिमंडल विस्तार में फंस गया पेंच
एक बार फिर विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में विस्तार का मसला उलझ गया। कहते हैं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर हल्का होना चाहते हैं, पर बड़े नेताओं के फार्मूले में मामला सुलझ ही नहीं पा रहा है। इस बार तो मुख्यमंत्री ने मंत्रिमडल के विस्तार के संकेत दे दिए थे, फिर भी नए लोगों की इंट्री नहीं हो पाई। माना जा रहा है साय कैबिनेट में तीन विधायकों की इंट्री होनी है, किसी मंत्री की छुट्टी नहीं होगी। अलबत्ता डिपार्टमेंट उलट-पुलट होंगे। बताते हैं सबसे ज्यादा दिक्कत रायपुर शहर के विधायकों को लेकर है। रायपुर से राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा और सुनील सोनी दावेदार हैं। खबर है कि राजेश मूणत के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह वीटो पावर लगाए हुए हैं। पुरंदर मिश्रा के लिए ओड़िया लॉबी लगी हुई है। सुनील सोनी की वकालत सांसद बृजमोहन अग्रवाल कर रहे हैं। चर्चा है कि टक्कर राजेश मूणत और पुरंदर मिश्रा में है। हवा है कि अमर अग्रवाल और गजेंद्र यादव का मंत्रिमंडल में स्थान पक्का है। अमर अग्रवाल को मंत्री बनाए जाने का संगठन के कुछ नेता विरोध कर रहे हैं, पर अमर अग्रवाल को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और दिल्ली के नेता भी मंत्रिमंडल में स्थान देने के पक्ष में हैं। गजेंद्र यादव को लेकर कोई विरोध की स्थिति नहीं है। आरएसएस पृष्ठभूमि के चलते गजेंद्र यादव के लिए सभी सहमत बताए जाते हैं। बताते हैं अब छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल का विस्तार नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद ही होगा और मंत्रियों के नामों पर फैसला हाईकमान करेगी।
बंद बोर्ड में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति
लगता है भाजपा सरकार और संगठन ने नेताओं को निगम-मंडलों में एडजेस्ट के लिए अपडेट ही नहीं लिया। राज्य समाज कल्याण बोर्ड पिछले साल ही बंद हो गया, पर सरकार ने श्रीमती शालिनी राजपूत को समाज कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष और श्रीमती चंद्रकांति वर्मा को उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। बताते हैं भारत सरकार के निर्देश पर ही राज्य समाज कल्याण बोर्ड को बंद किया गया। राज्य समाज कल्याण बोर्ड में भारत सरकार का 50 फीसदी अंशदान होता था। कहा जाता है कि कामकाज नहीं होने के कारण भारत सरकार ने केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड को बंद कर दिया और सभी राज्यों को समाज कल्याण बोर्ड बंद करने के निर्देश दिए। समाज कल्याण बोर्ड अधिकतर परिवार परामर्श केंद्र ही चलाते थे।
निगम-मंडलों में नियुक्ति के बाद एक नेता निशाने पर
चर्चा है कि निगम-मंडलों में अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद भाजपा के एक बड़े नेता निशाने पर आ गए हैं। खबर उड़ रही है कि योग्यता की जगह बंदरबाट से हाईकमान भी खुश नहीं है। बताते हैं दिल्ली दरबार में नियुक्तियों और बड़े नेता की कार्यशैली से हलचल है। वैसे इस नेता का छत्तीसगढ़ से जमीनी वास्ता नहीं है, पर छत्तीसगढ़ में दिलचस्पी रखते हैं। कहते हैं कि भाजपा के भीतर आवाज उठ रही है कि जमीन से जुड़े लोगों की जगह हवा-हवाई लोगों को निगम-मंडलों में ज्यादा पद मिल गए। गौरीशंकर श्रीवास ने तो निगम -मंडल और आयोग का ताज ठुकरा दिया। संगठन ने गौरीशंकर श्रीवास को राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया था। निगम-मंडलों में नियुक्ति की दूसरी लिस्ट अभी आना बाकी है, अब देखते हैं उसमें कितने असंतुष्टों का दिल बाग़-बाग़ होता है।
बृजमोहन के सुर के मायने
कहा जा रहा है कि सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने ढ़ाई हजार से अधिक बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों का पक्ष लेकर सरकार के सामने संकट पैदा कर दिया है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हटाए गए इन शिक्षकों को प्रयोगशाला सहायक और व्यायाम शिक्षक बनाए जाने का सुझाव पत्र लिखकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को दिया है। बर्खास्त शिक्षक बहाली के लिए लंबे समय से हड़ताल पर हैं। बर्खास्त शिक्षकों के मामले में साय सरकार अभी चुप्पी साधे हुए है, ऐसे में भाजपा सांसद के बयान को लेकर तरह-तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। बताते हैं मंत्री पद छोड़कर सांसदी से बृजमोहन अग्रवाल तो कतई खुश नहीं हैं। बर्खास्त शिक्षकों के मामले में उनके बयान को सरकार पर तीर के रूप में देखा जा रहा है। इस कारण उनके बयान से राजनीतिक गर्मी भी देखी जा रही है।
शक्ति प्रदर्शन या नई परंपरा
अब तक मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के शपथ समारोह का आयोजन खुले और विशाल मैदान में देखा गया था। अब कुछ निगम-मंडल अध्यक्षों ने भी भव्य समारोह आयोजित कर पदभार ग्रहण करने की परंपरा शुरू कर दी है। पाठ्य पुस्तक निगम के नव नियुक्त अध्यक्ष राजा पांडे ने शहीद स्मारक भवन में समारोह आयोजित कर पदभार संभाला। नागरिक आपूर्ति के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव रायपुर के 16 अप्रैल को बीटीआई ग्राउंड में एक भव्य कार्यक्रम में पदभार संभालेंगे। समारोह में शामिल होने वालों के लिए भोजन की व्यवस्था है। मेडिकल कार्पोरेशन के नव नियुक्त अध्यक्ष दीपक म्हस्के 18 अप्रैल को मेडिकल सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में पद संभालेंगे। राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर होगा जब निगम-मंडल के अध्यक्षों के लिए कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि निगम-मंडल अध्यक्ष शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं या फिर नई परंपरा डाल रहे हैं। अब पदभार ग्रहण कार्यक्रम के आयोजन में जो खर्च होगा, उसका वहन कौन करेगा, यह भी बड़ा सवाल है। क्या संबंधित निगम बोझ उठाएगा या फिर बोर्ड के ठेकेदारों को टोपी पहनाई जाएगी? कुछ निगम-मंडल अध्यक्षों ने अपने-अपने दफ्तरों में कामकाज संभाला। कुछ अध्यक्षों के पदभार समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय उपस्थित रहे।
नए मुख्य सूचना आयुक्त कब तक ?
छत्तीसगढ़ के नए सूचना आयुक्त के लिए अधिकारियों की कमेटी ने दावेदारों के इंटरव्यू ले लिए हैं। अब मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति को अंतिम निर्णय लेना है। इस समिति में नेता प्रतिपक्ष और एक मंत्री भी होंगे। लोगों को नए मुख्य सूचना आयुक्त का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि यह पद काफी दिनों से खाली है। पर नए मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति से पहले अधिकारियों की समिति द्वारा मुख्य सचिव अमिताभ जैन का इंटरव्यू लेना चर्चा में है। मुख्य सचिव का जिन अफसरों ने इंटरव्यू लिया है, वे उनसे जूनियर हैं और फिलहाल वे उनके मातहत कार्यरत भी हैं। लोग तकनीकी सवाल भी खड़ा कर रहे हैं और काना-फूसी भी कर रहे हैं। अब नए मुख्य सूचना आयुक्त को लेकर नतीजे आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
(लेखक पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)