EDUCATION; युक्तियुक्तकरण में अफसरों की मनमानी, जूनियरों को बचाकर सीनियरों का किया ट्रांसफर, महिला-दिव्यांग शिक्षकों को भी नहीं बख्शा

रायपुर, छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है. अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने निर्धारित दिशा-निर्देशों को ताक पर रखकर जूनियर शिक्षकों को लाभ पहुंचाया, जबकि सीनियर शिक्षकों को अतिशेष बताकर दूरस्थ इलाकों में ट्रांसफर कर दिया. महिला और दिव्यांग शिक्षकों के लिए आरक्षित विशेष प्रावधानों को भी दरकिनार किया गया.

संभाग स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट में ये खुलासे हुआ है, जो शिक्षा विभाग की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़े कर रहा है. पड़ताल में यह सामने आया है कि रायपुर संभाग के रायपुर, बलौदाबाजार, धमतरी, महासमुंद और गरियाबंद जिले से 530 शिक्षकों की शिकायत संभागीय कमेटी को मिली थी, जिसकी सुनवाई के बाद बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है.
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ी करने वाले छह से अधिक ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है. बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी गड़बड़ी को मानने को तैयार नहीं थे न ही कोई बड़ी कार्रवाई की गई. उल्टा अपनी पीठ थपथपाते रहे. अब जिला और संभाग स्तर की कमेटियों में अब तक दर्ज शिकायतों की पड़ताल से गड़बड़ियों का पर्दाफाश हो रहा है.
रायपुर संभाग में कुल 530 शिक्षकों ने शिकायतें दर्ज की, जिनमें से 373 प्रकरणों का निराकरण हो चुका है. लगभग 50 आवेदनों को आरक्षित रखा गया है, जहां ज्यादातर सीनियर शिक्षकों के मामले बाकी हैं. संभागीय आयुक्त रायपुर एमडी कावरे ने बताया कि शिकायतों का निपटारा हो चुका है. रायपुर जिले में सबसे अधिक आवेदन होने के कारण एक-दो दिन में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
जिलेवार शिकायतों की जांच पडताल
- धमतरी जिले में 81 आवेदनों में से 22 शिकायतें सही पाई गईं. ज्यादातर मामलों में सीनियर शिक्षकों को अनदेखा कर जूनियरों का युक्तियुक्तकरण किया गया।
- गरियाबंद जिले में 137 आवेदनों में 41 शिकायतें मान्य किया गया. यहां भी सीनियरों को अतिशेष बताकर ट्रांसफर के आरोप सिद्ध हुए.
- बलौदाबाजार जिले में सभी 22 आवेदन खारिज किए गए, लेकिन कमेटी ने गड़बड़ी की जांच जारी रखने का संकेत दिया है.
- रायपुर जिले में लगभग 200 आवेदनों में लगभग 60 आवेदनों का निराकरण करने के बाद 15 शिकायतें सही पाई गईं. विषय बदलकर ट्रांसफर कर कई शिक्षकों को परेशान किया गया.
- महासमुंद जिले में 85 आवेदनों में केवल 6 शिकायतें मान्य, लेकिन इनमें महिला शिक्षिकाओं के आरक्षण उल्लंघन के मामले प्रमुख हैं.
अभी तक की सुनवाई के बाद निराकरण हुए आवेदनों मे 50 से ज़्यादा आवेदन को फिर से सुनवाई करने के लिए आरक्षित रखा गया है, क्योंकि वरीयता लिस्ट विभागों से मंगाई गई है. वरीयता लिस्ट आने के बाद इन आरक्षित प्रकरणों में सुनवाई होगी.