BEO सहित छह शिक्षक निलंबित; 23 लाख से अधिक राशि का किया बंदरबाट
बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में पदस्थ तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) लोकपाल जोगी सहित 6 शिक्षकों पर भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप में सस्पेंड कर दिया है. बीईओ और 6 शिक्षकों पर 23 लाख 29 हजार 485 रुपये की गड़बड़ी और अन्य अनियमितताओं के आरोपों की जांच संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा द्वारा की जा रही थी, वहीं जांच रिपोर्ट आने के बाद छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने बीईओ सहित सभी 6 शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया.
तत्कालीन बीईओ पौड़ी उपरोड़ा लोकपाल जोगी, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पसान के प्रभारी प्राचार्य प्रवीण कुमार साहू, बीईओ कार्यालय में पदस्थ कंप्यूटर आपरेटर बृजेंद्र कुमार वानी, आश्रम शाला कोनकोना के प्रधान पाठक रामेश्वर प्रसाद बनवा, सहायक ग्रेड 3 प्रदीप कुमार मिश्रा और छवि कुमार गहिरवार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया है. निलंबन की अवधि में उक्त लोक सेवकों का मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय होगा.
जानकारी के अनुसार कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में पदस्थ तत्कालीन बीईओ लोकपाल जोगी व अन्य शिक्षकों, कर्मचारियों पर लाखों रुपए की गड़बड़ी के आरोप लगे थे. संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा द्वारा इसकी जांच कर रिपोर्ट स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपी गई थी. जांच रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन बीईओ जोगी ने पांच साल 6 माह से अनुपस्थित एक सहायक शिक्षक संतोष दास मानिकपुरी को बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कार्यभार ग्रहण करा दिया.
क्या है आरोप ?
इसी तरह उन्होंने 9 माह से अनुपस्थित सहायक शिक्षक विष्णुकुमार बिंझवार को भी बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के ड्यूटी ज्वाइन करवाया. विकासखंड शिक्षा अधिकारी के खाते से 10 लाख रुपये का विथड्रावल कर उसका उपयोग किया गया. मांगे जाने पर इस संबंध में कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया. कोरोना काल के दौरान राज्य आपदा मोचन निधि से डेढ़ लाख रुपए की गड़बड़ी की गई.
जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि तत्कालीन बीईओ लोकपाल जोगी द्वारा आश्रम शाला कोनकोना के प्रधान पाठक परमेश्वर प्रसाद को 2 लाख 686 रुपए चेक के माध्यम से दिया गया. ये राशि आहरित कर वे अपने पास रखे रहे. इसी तरह उन्होंने स्टेशनरी के लिए हजारों रुपए का आनलाइन भुगतान किया, परन्तु इसका वाउचर उपलब्ध नहीं कराया गया. जांच रिपोर्ट में आरोपी अधिकारी लोकपाल जोगी और अन्य पर समय-समय पर लाखों रुपये गड़बड़ी किये जाने का जिक्र किया गया है.