
रायपुर, बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। इसके लिए बीजेपी ने अपनी फील्डिंग अभी से शुरू कर दी है। इसके तहत बीजेपी शासित राज्यों में एक भारत-श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत बीजेपी मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार धूमधाम से बिहार स्थापना दिवस मनाया गया। भिलाई में बीजेपी के नेताओं ने बिहार-तिहार स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पहुंचे। यहां सीएम ने बिहार से आए लोगों का सम्मान किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि बिहार और छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपराएं, त्योहार और पारिवारिक मूल्य सबकुछ एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। ये रिश्ता केवल भूगोल का नहीं, बल्कि भावनाओं और संस्कारों का है।
लिट्टी-चोखा से तीजा-छठ तक आपस में जुड़े
सीएम साय ने कहा कि बिहार और छत्तीसगढ़ के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता केवल कहावत नहीं, अब सामाजिक हकीकत बन चुकी है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनकी माता भी अविभाजित बिहार से थी। साथ ही उनका झारखंड से पुराना संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार का लिट्टी-चोखा हो या छत्तीसगढ़ का चीला-फरा, तीजा हो या छठ दोनों राज्यों की संस्कृति एक जैसी है। छठ पूजा पर बोलते हुए सीएम साय ने कहा कि अब छठ पर्व छत्तीसगढ़ में भी पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। राज्य भर के तालाबों और नदियों पर सुंदर छठ घाटों का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं भी जशपुर जिले के कुनकुरी में एक करोड़ की लागत से छठ घाट बनवाया है।
बिहार की विभूतियों का किया जिक्र
सीएम साय ने बिहार के गौरवशाली इतिहास को नमन करते हुए कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद बिहार से थे। नालंदा विश्वविद्यालय, जिसने भारत को विश्वगुरु बनाया, बिहार की देन है। आर्यभट्ट, जिन्होंने शून्य की खोज की, बिहार की महान विभूति हैं। कर्पूरी ठाकुर जैसे सामाजिक न्याय के पुरोधा यहीं की धरती से निकले।