CM आवास घेरने जा रहे नवा रायपुर के 200 से ज्यादा किसान गिरफ्तार
रायपुर, रविवार की दोपहर नवा रायपुर की सड़कों पर किसान और पुलिस के बीच झड़प हो गई। गुस्साए किसानों ने उन्हें रोकने आए इंस्पेक्टर को धक्का दे दिया। गुस्साए इंस्पेक्टर ने किसान को पकड़ा तो उसके साथी भी भड़क उठे और जमकर बवाल हुआ।
दरअसल मुआवजे और अधिकार पट्टे की मांग को लेकर नवा रायपुर के प्रभावित किसानों ने मुख्यमंत्री आवास घेरने निकले थे। बीच रास्ते में ही अलग-अलग स्थानों पर इन किसानों को पुलिस ने रोक दिया। काेठराभाटा, उपरवारा, परसदा, राखी जैसे 8 से 10 गांव में पुलिस की टीम कई जीप और बस लेकर घुसी। किसान ट्रैक्टर और पिकअप वाहनों से CM आवास घेरने जा रहे थे। गांवों में ही सभी को रोक लिया गया। किसान नेताओं को पुलिस ने पकड़ लिया। नेताओं के साथ मौजूद किसानों को भी बसों में भरकर अलग-अलग जगहों पर अस्थाई जेल बनाकर भेजा गया। किसी को राखी थाने, किसी को आरंग तो किसी को तूता में बने धरना स्थल ग्राउंड भेजा गया।
इधर अलग-अलग गांवों में जब रविवार को पुलिस का एक्शन शुरू हुआ तब तक कुछ किसान कृषि महाविद्यालय के सामने जोरा ग्राउंड में पहुंच चुके थे। यहां से पैदल मार्च निकालकर किसान सिविल लाइंस तक आने वाले थे। फौरन पुलिस की एक टीम बस लेकर यहां भी पहुंच गई और किसानों को बस में बैठाने लगी, ये देखकर किसानों की भीड़ भड़क गई। पुलिस अफसरों को भी किसानों को समझाने में मशक्कत करनी पड़ी।
जोरा में किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई। कुछ सड़क पर लेट गए तो कुछ गाड़ी के सामने। जैसे तैसे इन किसानों को पुलिस अलग अलग गाड़ियों में यहां से लेकर रवाना हुई। किसान आंदोलन से जुड़े नेता ओमप्रकाश चंद्राकर ने बताया, 200 से ज्यादा किसान प्रतिनिधियों को पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर लिया। ये आंदोलन नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के बैनर तले हुआ। ये वो किसान हैं जिनकी जमीन लेकर नवा रायपुर विकसित किया गया।
ये है किसानों की मांगें
- सन 2005 से स्वतंत्र भू क्रय.विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।
- प्रभावित 27 ग्रामों को घोषित नगरीय क्षेत्र की अधिसूचना निरस्त की जाए।
- सम्पूर्ण ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए ।
- प्रभावित क्षेत्र के प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड का वितरण किया जाए।
- आपसी सहमति भू-अर्जन के तहत अर्जित भूमि के अनुपात में शुल्क आवंटन।
- अर्जित भूमि पर वार्षिकी राशि का भुगतान तत्काल दिया जाए।
- सशक्त समिति की 12वीं बैठक के निर्णयों का पूर्णतया पालन हो।
- मुआवजा प्राप्त नहीं हुए भू-स्वामियों को चार गुना मुआवजे का प्रावधान हो।