कानून व्यवस्था

AURANGZEB;नागपुर में पथराव ,आगजनी और तोड़फोड़ के बाद बेमुद्दत कर्फ्यू, पुलिस पर हमला

आगजनी

  • 50 से ज्‍यादा लोगों पर CM फडणवीस का एक्‍शन, इंटरनेट सेवा फिर बहाल

नागपुर, महाराष्ट्र की राजधानी नागपुर में बवाल हो गया। ‘औरंगजेब कब्र’ विवाद के कारण सोमवार (17 मार्च) को महल इलाके में हिंसा भड़क उठी। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर मुगल बादशाह का पुतला फूंका। इसके बाद पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया। गाड़ियों में आग लगाई। पुलिस पर हमला किया। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। 55 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया। हिंसा के बाद प्रशासन ने इलाके में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है।  

इन इलाकों में कर्फ्यू  
हिंसा के बाद नागपुर में BNS की धारा 163 (IPC की धारा 144 की तरह) लागू कर दी है। शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस की 20 टीमें बनाई गई हैं। पुलिस अधिकारियों ने इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की और कानून-व्यवस्था का उल्लंघन न करने की चेतावनी दी।शहर के कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर के पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा है। यह कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा। 

जानिए कैसे भड़की हिंसा? 
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने सोमवार को औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब का पुतला जलाया। पुतले में आपत्तिजनक सामग्री का इस्तेमाल किया। इसमें एक चादर को भी रखा गया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एक समुदाय विशेष के लोग चौराहे पर जमा हो गए और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाने लगे।

DCP पर कुल्हाड़ी से हमला 
देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद, कुछ युवा दूसरे चौक पर पहुंचे। दूसरे पक्ष के लोग भी पहुंचे। दोनों पक्षों में पथराव और तोड़-फोड़ शुरू हो गई। घरों और दर्जनों वाहनों में आग लगा दी। पुलिस पर भी हमला किया। DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी के हमले से घायल हो गए। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। 55 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया। 

फडणवीस ने की शांति की अपील 
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि नकाबपोश उपद्रवी हाथों में धारदार हथियार, स्टिकर और बोतलें लेकर आए थे। उन्होंने जमकर हंगामा किया। दुकानों में तोड़फोड़ की और पथराव किया। उपद्रवियों ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया। घटना के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने देर रात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के साथ बैठक की। फडणवीस ने शांति की अपील की और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा।

 पुलिस आयुक्त ने बताई पूरी बात
नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि कुछ लोग उनसे मिलने के लिए कार्यालय पर आए थे। उन्होंने एक तस्वीर को जलाए जाने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने उनके द्वारा बताए गए नामों के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सिंघल ने बताया इसी घटना को लेकर लोग जमा हुए थे। रात 8-8.30 बजे के आसपास पथवराव और दो वाहनों में आग लगाई गई। पुलिस ने धारा 144 लागू कर दी है। 

नागपुर में क्यों हुई हिंसा
नागपुर हिंसा के पीछे की असली वजह अफ़वाहें थीं। संभाजी नगर में मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग करने वाले एक दक्षिणपंथी समूह द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कुरान को जला देने की अफवाह फैल गई। यह विरोध प्रदर्शन विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे समूहों द्वारा आयोजित किया गया था, जिन्होंने कथित तौर पर ‘कलमा’ लिखा कपड़ा जला दिया था। वे औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग कर रहे थे। इससे मुस्लिम समूहों में व्यापक आक्रोश फैल गया। अफवाह के बाद मध्य नागपुर में सोमवार को तनाव हो गया। इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया। हिंसा में चार लोग घायल हो गए।

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