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NEET;ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का रिकॉर्ड टूटना मुश्किल, कम होगा MBBS सीट के लिए कॉम्पिटिशन

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नईदिल्ली, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम (NEET UG 2025) का आयोजन 4 मई को किया जाना है. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 7 मार्च है. नीट के लिए अभी तक 15.50 लाख आवेदन ही हुए हैं. ऐसे में आने वाले 7 दिनों में 4 से 5 लाख आवेदन भी होते हैं तो यह संख्या 20 लाख के आसपास रह सकती है. एमबीबीएस सीट के लिए कॉम्पिटिशन कम हो जाएगा, क्योंकि इस बार 1.20 लाख एमबीबीएस सीट्स पर नीट यूजी के जरिए एडमिशन मिलेगा.

फॉर्म फिलिंग सेंटर संचालित करने वाले पंकज खंडेलवाल का कहना है कि शनिवार सुबह तक 15.50 लाख आवेदन हो चुके हैं. बीते सालों से इस बार काफी धीमी गति चल रही है. अब महज 7 दिन शेष हैं, जबकि अधिकांश कैंडिडेट बीच के दिनों में आवेदन कर देते हैं. हमेशा यह देखने को मिलता है कि अंतिम समय में आवेदन की गति कम रहती है. ऐसे में आवेदन का आंकड़ा बीते साल तक पहुंचे, यह संभव नहीं लग रहा है. जेईई मेन के जनवरी और अप्रैल सेशन की परीक्षा के लिए एक बार भी आवेदन तारीख नहीं बढ़ाई है. इस आधार पर देखा जाए तो नीट यूजी आवेदन की तारीख बढ़ना मुश्किल है. हालांकि, नीट यूजी एग्जाम के आवेदन कम रहने पर एनटीए दोबारा रजिस्ट्रेशन विंडो खोल भी सकता है.

बीते साल गई हाई रैंक से कैंडिडेट पर हो सकता है असर

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि बीते साल 2024 नेशनल टेस्ट एजेंसी की नीट यूजी की परीक्षा में धांधलियों का आरोप लगा था. अचानक से टॉपर्स स्टूडेंट की संख्या बढ़ गई थी और कटऑफ भी काफी ऊंची चली गई थी. 720 में से 720 नंबर लाने वाले कैंडिडेट की संख्या पहले पांच दर्जन से ज्यादा हो गई थी. बाद में स्टूडेंट का प्रोटेस्ट हुआ और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर भी कई आरोप लगाए गए. इस मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने दो बार रिवाइज परिणाम कोर्ट के निर्देश पर जारी किया था. हालांकि, बीते साल गई हाई कटऑफ के चलते अभ्यर्थियों की रुचि इस बार परीक्षा को लेकर कम नजर आ रही है. नीट यूजी 2025 के आवेदन में भी इसलिए ही इच्छुक कैंडिडेट कम हो रहे हैं, क्योंकि औसत बच्चे संभवतः इस बार आवेदन ही नहीं कर रहे हैं. ऐसे में आंकड़ा कम भी रह सकता है.

पीछे 5 सालों में लगातार बढ़ रही थी संख्या

एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि लगातार 5 सालों से जिस तरह से कैंडिडेट की संख्या बढ़ रही थी, इस बार ऐसा नजर नहीं आ रहा है. बीते 5 सालों की बात की जाए तो 8 लाख से ज्यादा कैंडिडेट इस परीक्षा में बढ़ गए हैं यानी 50 फीसदी से ज्यादा कैंडिडेट बढ़ गए हैं. हालांकि, इस साल जिस गति से आवेदन होने थे और माना जा रहा था कि 25 लाख से ज्यादा हो जाएंगे, ऐसा होता नहीं दिख रहा है. साल 2024 में 3 लाख, 2023 में 2 लाख और 2022 में ढाई लाख कैंडिडेट बढ़े थे. इस बार 2025 में तीन से चार लाख कैंडिडेट बीते साल से कम हो सकते हैं.

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