CRIME; जेल प्रहरियों की कनपटी पर रिवाल्वर टिकाकर हत्यारे को भगा ले गए बदमाश, हत्याकांड व लूट में शामिल है आरोपी
दुर्ग, पिछले वर्ष धनतेरस के दिन अम्लेश्वर के तिरंगा चौक के पास स्थित समृद्धि ज्वेलर्स के संचालक सुरेंद्र कुमार सोनी की गोली मारकर हत्या कर दुकान में लूटपाट करने का मास्टर माइंड बुधवार की रात को अभिरक्षा से फरार हो गया। तबीयत बिगड़ने पर मंगलवार को उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार की रात को उसके चार साथी रिवाल्वर लेकर पहुंचे और उसकी नोक पर उसे छुड़ाकर ले गए।
सभी बदमाशों ने जिला अस्पताल में तैनात जेल प्रहरियों के मोबाइल लूटने के बाद उन्हें बाथरूम में बंद कर दिया था। उनके भागने के बाद जेल प्रहरियों ने जेल अधीक्षक को इसकी जानकारी दी। उसके बाद दुर्ग कोतवाली में इसकी सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने तुरंत नाकेबंदी भी की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। चुनाव के ठीक दो दिन पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस तरह की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
बता दें कि पिछले वर्ष धनतेरस के दिन अम्लेश्वर में सराफा कारोबारी सुरेंद्र कुमार सोनी की गोली मारकर हत्या करने के बाद दुकान में रखे आभूषण लूट लिए गए थे। इस मामले में पुलिस ने वाराणसी से सिगरा थाना पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र से हत्याकांड व लूट में शामिल आरोपी अभिषेक झा उर्फ अनुपम झा, सौरभ कुमार सिंह, आलोक कुमार यादव और अभय कुमार भारती उर्फ बाबू को गिरफ्तार किया था। अभिषेक झा उर्फ अनुपम झा इस कांड का मास्टर माइंड था। सभी आरोपी केंद्रीय जेल दुर्ग में बंद हैं।
अभिषेक उर्फ अनुपम झा के पेट में दर्द होने पर उसे मंगलवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार की रात को जेल प्रहरी राजू और गीता खुटे उसे बाथरूम ले जा रहे थे। इसी दौरान बाथरूम के पास चार लोगों ने उन्हें घेर लिया। सभी के पास रिवाल्वर था। उन्होंने दोनों जेल प्रहरियों की कनपटी पर रिवाल्वर टिका दिया और उनका मोबाइल छीनकर उन्हें बाथरूम में बंद कर दिया। इसके बाद सभी वहां से फरार हो गए। रात में दुर्ग कोतवाली पुलिस को इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की है।
बिहार का रहने वाला है अभिषेक, पहले भी कोर्ट से हो चुका है फरार
हत्याकांड का मास्टर माइंड अभिषेक उर्फ अनुपम झा बिहार के वैशाली जिला के गांव बैकुंठपुर स्टेट बोर्ड्स के पास का रहने वाला है। अम्लेश्वर कांड के पहले उसने रायपुर में लूट और हत्या की तीन घटनाओं को अंजाम दिया था। वर्ष 2020 में पेशी के दौरान वह रायपुर कोर्ट से फरार हो गया था और नेपाल चला गया था। दो वर्ष तक छिपकर रहने के बाद वह अपने तीन साथियों के साथ वापस छत्तीसगढ़ आया था और आरंग में रुका हुआ था। इसके बाद उसने फिर से अम्लेश्वर की घटना को अंजाम दिया था।