कृषि

CROP; छत्तीसगढ़ की विलुप्तप्राय परंपरागत फसल प्रजातियों का संरक्षण करने अनुबंध

0 आई.जी.के.वी., एलायंस ऑफ बायोवर्सिटी इंटरनेशनल और सी.आई.ए.टी के बीच हुआ समझौता

रायपुर, छत्तीसगढ़ की परंपरागत विशेषकर विलुप्तप्राय फसल प्रजातियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कल यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की उपस्थित में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर तथा एलायंस ऑफ बायोवर्सिटी इंटरनेशनल और सी.आई.ए.टी. के मध्य संपादित अंतर्राष्ट्रीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में विभिन्न फसलों की परंपरागत देसी किस्मां विशेषकर चावल की विलुप्त हो रही देसी किस्मों का संरक्षण तथा विकास करना है। इसके साथ ही विभिन्न सामाजिक आर्थिक वर्गां में व्याप्त कुपोषण को दूर करना तथा खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना भी है।

इन तीनों संस्थाओं के मध्य विगत दस वर्षां से संचालित परियोजना को आगामी दस वर्षों तक बढ़ाने हेतु एक समझौता ज्ञापन पर आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल तथा एलायंस ऑफ बायोवर्सिटी इंटरनेशनल के भारत के प्रतिनिधि डॉ. जे.सी. राणा ने हस्ताक्षर किए। इस परियोजना के तहत विगत दस वर्षां में कोरिया, सरगुजा तथा धमतरी जिलों में तीन सामुदायिक बीज बैंक स्थापित किये गये हैं, धान की जीरा फूल और नगरी दुबराज प्रजातियों को जी.आई. टैग प्राप्त हुआ है तथा विभिन्न फसलों की अनेक विलुप्तप्राय परंपरागत किस्मों की पहचान कर उनके संरक्षण हेतु प्रयास किये गये हैं।
एलायंस ऑफ बायोवर्सिटी इंटरनेशनल और सीआईएटी के कंट्री हेड डॉ. जेसी राणा ने जोर दिया कि मौजूदा औपचारिक बीज प्रणाली के साथ किसानों के खेत और उपभोक्ताओं के बीच मौजूदा अंतर को भरने के लिए विभिन्न फसलों की पहचान की गई है और संभावित भूमि प्रजातियों के बाजार लिंकेज पर अधिक प्राथमिकता दी गई है। एलायंस ऑफ बायोवर्सिटी इंटरनेशनल और सी.आई.ए.टी. एशिया के प्रबंध निदेशक डॉ. स्ट्रेफन वाइस ने अपने संबोधन में आईजीकेवी को पिछले प्रोजेक्ट्स के आशाजनक परिणामों के लिए बधाई दी और कहा कि यह नया समझौता ज्ञापन स्थायी संसाधन प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन शमन और कृषि जैव विविधता के प्रबंधन पर अनुसंधान और विकास की ओर अधिक निर्देशित होगा, फसल प्रजातियों पर जानकारी तक पहुंच में सुधार के लिए और फसल आनुवंशिक और प्रजनन कार्यक्रम विकसित करने के लिए अधिक प्रयास किए जाएंगे।

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