राजनीति

POLITICS; भाजपा सरकार की गांव, गरीब, किसान, आदिवासी विरोधी नीति का परिणाम है तमनार का टकराव,न्यायिक जांच हो

0 दीपक बैज  बोले- शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए लाठियां चलाई गयी

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि तमनार में ग्रामीणों के साथ टकराव भाजपा सरकार की गांव, गरीब, किसान, आदिवासी विरोधी नीति का परिणाम है। घटना की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज से कराया जाए।
राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए दीपक बैज ने कहा कि रायगढ़ के तमनार के गारे पेलमा सेक्टर-1 में जिंदल स्टील को ओपन कास्ट कोल माईंस भाजपा सरकार के द्वारा आवंटित किया गया है। सरकार ने इस हेतु 8 दिसंबर को जनसुनवाई आयोजित किया था। इस खदान का वहां के रहवासी, ग्रामीण, आदिवासी वर्ग के लोग विरोध कर रहे है।
क्षेत्र के गांव वाले अपनी पुश्तैनी जमीन देना नहीं चाह रहे। सरकार जबरिया अधिग्रहित कर वहां खदान शुरू करवाना चाह रहीहै । प्रभावित 14 गांव के निवासी नहीं चाहते कि उनके गांव में कोयला का उत्खनन हो। उनका कहना है इसमें उनके इलाके की खेती, बाड़ी, पर्यावरण सभी तबाह हो जायेगा। ग्रामवासी अपनी जमीनों और जंगल की बर्बादी नहीं चाहते।
दीपक बैज ने कहा कि ग्रामीणों ने जनसुनवाई के विरोध में 5 दिसंबर से धरना देना शुरू कर दिया था। ग्रामीण जन सुनवाई को स्थगित करने की मांग कर रहे थे। प्रशासन का काम जनसुनवाई के माध्यम से जनता की भावनाएं जानना था लेकिन वहां पर प्रशासन एकतरफा जिंदल स्टील के प्रतिनिधित्व के तौर पर काम कर रहा था। जबरिया सहमति हासिल करना उनका उद्देश्य था। प्रशासन ने जनसुनवाई की नियत तिथि 8 दिसंबर को जनता के विरोध को दरकिनार कर जिंदल के ही 15-20 ठेका कर्मचारियों को एकत्रित कर फर्जी जनसुनवाई कर लिया। ग्रामीण इस फर्जी जनसुनवाई का विरोध कर इसे रद्द करने की मांग कर रहे थे, उनका शांतिपूर्ण आंदोलन जारी था।

सरकार छत्तीसगढ़ के संसाधनों को बेचने पर तुली हुई है

पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार छत्तीसगढ़ के संसाधनों को बेचने पर तुली हुई है। जंगल कटाई और खनिज संसाधनों की लूट का विरोध करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ बर्बतापूर्वक कार्यवाही की जा रही है। हसदेव में जंगल काटे गए, अमोरा में इसी तरह की स्थिति उत्पन्न हुई, मैनपाट में बाक्साइट खदान के लिए पहाड़ खोदे जा रहे है, खैरागढ़ में खेती की जमीन पर सिमेंट प्लांट और लाइम स्टोन के खदान खोले जा रहे है, बस्तर के बीजापुर, बचेली और किरंदुल में जंगल काटकर आयरनओर की खदाने बिना ग्राम सभा के अनुमति और स्थानीय जनता के बिना सहमति के लूटाये जा रहे। जंगल कटाई और खनिज संसाधनों की लूट का विरोध करने वाले हर आवाज को यह सरकार दबाने का काम कर रही है, आंदोलनकारी जेल भेजे जा रहे है।
हमारी मांग
1. तमनार के गारे पेलमा सेक्टर में जिंदल को दी गयी ओपन कास्ट कोल माईन्स रद्द किया जाए।
2. पूर्व में की गयी 8 दिसंबर की फर्जी जनसुनवाई रद्द किया जाए।
3. घटना की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज से कराया जाए।
4. ग्रामीणों तथा आंदोलनकारियों के ऊपर किए गए एफआईआर को रद्द किया जाए।
5. कलेक्टर, एसपी की जवाबदेही तय कर कार्यवाही किया जाए।
6. सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री अपनी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करे, आदिवासियों और क्षेत्रवासियों से माफी मांगे एवं अपने पद से इस्तीफा दे।

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