कानून व्यवस्था

LIQUOR SCAM; शराब घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, रिटायर्ड IAS अधिकारी निरंजन दास गिरफ्तार

रायपुर, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर जोनल ऑफिस ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पूर्व आईएएस अधिकारी निरंजन दास को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत की गई। ईडी ने निरंजन दास को स्पेशल कोर्ट रायपुर के समक्ष पेश किया। यहां कोर्ट ने हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।

दरअसल, ईडी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो/आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। इसमें आईपीसी अधिकारी दास पर 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

सरकारी खजाने की लूट में शामिल थे लाभार्थी

पुलिस जांच में यह सामने आया कि शराब घोटाले ने राज्य को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया और 2500 करोड़ रुपए से अधिक की अपराधी कमाई की गई। जांच में सामने आया कि लाभार्थी लोग सरकारी खजाने को लूटने में शामिल थे।ईडी की जांच में यह पता चला कि निरंजन दास शराब सिंडिकेट के ‘सक्रिय सहभागी’ थे। उनको लगभग 18 करोड़ रुपये की कमाई प्राप्त हुई थी। डिजिटल रिकॉर्ड, जब्त दस्तावेज और गवाहों के बयान से शराब घोटाले में उनकी सक्रियता साबित हुई थी। जांच में यह भी पाया गया कि निरंजन दास को एक्साइज कमिश्नर और एक्साइज विभाग का अतिरिक्त प्रभार सिर्फ शराब घोटाले को अंजाम देने में मदद करने के लिए सौंपा गया था।

कई दिग्गज जेल में

इस मामले में ईडी ने पहले ही कई बड़े लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें निरंजन दास के अलावा, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस) शामिल है। इसके अलावा पूर्व मंत्री और विधायक कवासी लखमा, पूर्व सीएम के बेटे चैतन्य बघेल और सौम्या चौरसिया को भी ईडी ने गिरफ्तार किया है। जांच अभी भी जारी है क्योंकि ईडी और भी वित्तीय लेन-देन का पता लगा रही है। टीम अभी भी इस घोटाले के दूसरे संभावित लाभार्थियों की पहचान कर रही है। कुछ अन्य अफसर भी दायरे में है।

Related Articles

Back to top button