EOW; शराब-कोयला घोटाले में छत्तीसगढ़-झारखंड-बिहार के 10 ठिकानों पर मारा छापा…

0 आबकारी आयुक्त दास को मिलते थे 50 लाख रु हर माह
रायपुर, छत्तीसगढ़ के रायपुर में ईओडब्ल्यू ने शराब और कोयला घोटाले की जांच करने के लिए छत्तीसगढ़ के साथ ही झारखंड और बिहार स्थित 10 ठिकानों पर रविवार को छापेमारी की, इसमें छत्तीसगढ़ के रायपुर, जांजगीर-चांपा में 8 और झारखंड एवं बिहार में 2-2 ठिकाने शामिल हैं। पहली बार जांच एजेंसी द्वारा अवकाश के दिन दबिश दी गई है
कैश और डिजिटल डिवाइस जब्त
इसमें रायपुर के महादेव घाट रोड स्थित देवनगरी स्थित शराब कारोबारी अवधेश यादव, अनिल ठाकुर और लिपिक जयचंद कोसले के सेजबहार रायपुर, जांजगीर-चांपा के अकलतरा का घर शामिल है। तलाशी में उक्त सभी के घरों बड़ी संख्या में कैश, प्रॉपर्टी एवं लेनदेन के दस्तावेज, मोबाइल के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिले है। इसे जांच के लिए जब्त कर छापेमारी की जद में आने वाले संदेहियों से पूछताछ कर बयान लिया जा रहा है।
गिरफ्तार कर रिमांड लेने की तैयारी
बताया जाता है कि शराब और कोयला घोटाले की जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर छापेमारी की गई है। उक्त सभी के कनेक्शन इस घोटाले में जेल भेजे गए सिंडीकेट के लोगों से सीधा जुडा़ हुआ बताया जा रहा है। ईओडब्ल्यू के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में संतोषजनक जवाब नहीं देने पर गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया जाएगा। इस समय सभी के बयान लिए जा रहे है। साथ ही घोटाले से जुडे़ अन्य लोगों के संबंध में ब्योरा जुटाया जा रहा है।
निरंजन ने सिंडिकेट खड़ा किया था..
शराब घोेटाले में 2 दिन पहले गिरफ्तार किए गए पूर्व आईएएस एवं तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को हर महीने 50 लाख रुपए मिलते थे। इसके लिए पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, तत्कालीन विशेष सचिव एपी त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य के साथ मिलकर सिंडिकेट खड़ा किया था। इसके जरिए ही सरकारी शराब दुकानों में कमीशन तय करने, डिस्टलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाने, विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई, डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब बेचने जैसी गतिविधियों का संचालन किया गया।