कृषि

FERTILIZER; रोपाई के समय बसना-सरायपाली इलाके में खाद संकट, डीएपी के बाद यूरिया भी समितियों से गायब, किसान दुगुने दाम पर खाद खरीदने मजबूर

महासमुंद, जिले के बसना सरायपाली इलाके में डीएपी खाद की कमी के बाद अब यूरिया की भी किल्लत शुरु हो गई है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई सोसायटियों में पेटाश एवं यूरिया खाद उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण किसानों को बाजार सेदुगुने दामों पर खाद खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. बसना ब्लाक के अंकोरी समिति में खाद के लिए किसानों को चक्कर लगाना पड रहा है। कभी कभी हंगामे की स्थिति निर्मित हो रही है।

जिले में डीएपी खाद की कमी की खबरें पहले से ही थीं. अब यूरिया खाद की भी कमी हो रही है, जिससे किसानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. जिले के बसना इलाके के कई सहकारी समितियों में खाद उपलब्ध नहीं है, जिससे किसानों को परेशानी हो रही है. पलसापाली के पूर्व सरपंच एवं किसान नेता विनोद प्रधान ने बताया है कि अंचल में धान की रोपाई जोरों से चल रही है,लेकिन समितियों में न तो डीएपी खाद है और न ही यूरिया एवं पोटाश उपलब्ध है। परिणामस्वरुप किसान बाजार में दुगुने दाम पर खाद खरीदने मजबूर है।

किसान नेता विनोद प्रधान ने बताया कि खाद की कमी के कारण किसानों को बाजार से यूरिया 450 रुपये प्रति बोरी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. कुछ जगहों पर समितियों में पर्याप्त मात्रा में यूरिया का स्टॉक होने के बावजूद, किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है, जिससे कालाबाजारी की आशंका भी जताई जा रही है। व्यापारी भी खाद संकट बताकर मनमानी दाम पर खाद बेच रहे है. इन पर प्रशासन का कोई डर नहीं है. उन्होंने मांग है कि सरकार खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करे और कालाबाजारी पर रोक लगाए. 

अब तक किसानों को 10.91 लाख मीटरिक टन खाद वितरण

इधर सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में 14.62 लाख मीटरिक टन लक्ष्य के विरूद्ध 14.47 लाख मीटरिक टन रासायनिक खाद का भण्डारण किया गया और किसानों को अब तक 10.91 लाख मीटरिक टन खाद का वितरित किया जा चुका है।  कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 28 जुलाई 2025 की स्थिति में राज्य में यूरिया 6 लाख 50 हजार 941 मीटरिक टन, डी.ए.पी. 2 लाख 48 मीटरिक टन, एन.पी.के. 2 लाख 31 हजार 890 मीटरिक टन खाद का भण्डारण किया जा चुका है। इसी प्रकार पोटाश 77 हजार 976 मीटरिक टन एवं सुपर फास्फेट 2 लाख 85 हजार 684 मीटरिक टन, इस प्रकार कुल 14 लाख 46 हजार 539 मीटरिक टन का भंडारण कर लिया गया है। भंडारण के विरूद्ध अब तक किसानों को 10 लाख 91 हजार 545 मीटरिक टन रसायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है। 

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