राज्यशासन

FOREST;वृक्षारोपण में अनियमितता,वन कर्मियों से 10 लाख रुपये की वसूली, आईएफएस अफसर पाक-साफ

रायपुर, छत्तीसगढ़ में वन विभाग द्वारा किए गए वृक्षारोपण कार्यों में अनियमितताएं पाए जाने पर राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। विभाग के अधिकारियों द्वारा वृक्षारोपण कार्य में निर्धारित मापदंडों का पालन न करने और लापरवाही बरतने के मामले में असफल वृक्षारोपण पर हुए व्यय को शासन की वित्तीय क्षति माना गया है। इस मामले में कोरबा और राजनांदगांव वनमंडल के संबंधित वन अधिकारियों से 9 लाख 90 हजार 357 रुपये की वसूली की गई है। हालाकि इस मामले में संबंधित वनमंडलाधिकारियों से वसूली नहीं की गई है, जबकि उनसे भी 5% क्षति वसूलने का प्रावधान है। आईएफएस अफसरों से वसूली नहीं किए जाने से मातहत अफसर-कर्मी नाराज है।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य की जा रही है। इस तारतम्य में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख द्वारा वर्ष 2023-24 में विगत वर्षो के वृक्षारोपण में मूल्यांकन के आधार पर असफल वृक्षारोपण से शासन को हुई क्षति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से राशि वसूली की गई है।अधिकृत जानकारी के अनुसार कोरबा वनमंडल के वनपरिक्षेत्र अधिकारी और राजनांदगांव वनमंडल में संबंधित अधिकारियों द्वारा वृक्षारोपण कार्य में लापरवाही बरती गई। इन मामलों में कुल 9 लाख 90 हजार 357 रुपये की वसूली उन अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों से की गई है, जिन्हें वृक्षारोपण कार्य में अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार ठहराए गए हैं।

कोरबा वनमंडल के तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी परसखेत योमनलाल ध्रुव से सौल्वा (ब) ऑरेंज एरिया कक्ष क्रमांक 1351 वृक्षारोपण में अनियमितता पाई गई, जिसके कारण उनसे 2 लाख 41 हजार 636 रुपये की वसूली की गई। इसी तरह राजनांदगांव वनमंडल के तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी बाघनदी बलदाऊ प्रसाद चौबे से कक्ष क्रमांक- आर.एफ. 595 रोपण में हुई अनियमितता के लिए 5 लाख 19 हजार 300 रुपये की वसूली की गई। इसके अतिरिक्त वन मंडल कोरबा के तत्कालीन परिक्षेत्र सहायक बाल्को शमशुद्दीन फारूकी से 1 लाख 41 हजार 275 रुपये की वसूली की गई है। तत्कालीन पीसीसीएफ संजय शुक्ला ने वृक्षारोपण में अनियमितता पाए जाने पर वन कर्मियों के साथ साथ वनमंडलाधिकारी से भी 5% क्षतिपूर्ती वसूलने का प्रावधान किया था ताकि वृक्षारोपण में अनियमितता पर रोक लगे। लेकिन वनमंडलाधिकारियों से वसूली नहीं की जा रही है। इस पक्षपात से वन कर्मी खफा है।

बहरहाल वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि वन विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करना आवश्यक है, और इस दिशा में सरकार कोई समझौता नहीं करेगी। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है और वह इसे जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

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