FRAUD; ऑनलाइन ठगी का नया तरीका अपना रहा जामताड़ा गिरोह, लिंक भेजकर ऐसे उड़ा लेते हैं बड़ी रकम
रायपुर, ऑनलाइन ठगी के लिए कुख्यात जामताड़ा गिरोह ठगी के नए हथकंडे अपना रहा है। गिरोह ने ग्रामीणों को एक से दो हजार रुपये कमीशन देकर लिंक भिजवाए और ठगी को अंजाम दिया। ग्रामीणों को स्मार्टफोन इस्तेमाल करने और लिंक भेजने की ट्रेनिंग भी दी।
गिरफ्तारी से बचने और लगातार लिंक भेजते रहने के लिए जामताड़ा गिरोह ने यह हथकंडा अपनाया। पुलिस ने बिहार के नालंदा जिले के सोनसा रहुई गांव से दो आरोपियों का पता लगाया है, जो जामताड़ा गिरोह के लिए ठगी को अंजाम दे रहे थे।
आरोपी को किया गया गिरफ्तार
इनमें से आरोपी अमित कुमार, दयानंद मालाकार को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपी रानीदेवी राकेश पासवान को नोटिस जारी किया गया है। आरोपी ने बताया कि उसे और अन्य ग्रामीणों को जामताड़ा गिरोह ने लोगों को लिंक भेजने के लिए काम पर रखा था। लिंक भेजने के लिए कमीशन मिलते थे। लिंक भेजने के बाद सिम कार्ड को नष्ट कर देते थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार सोनसा गांव के लगभग 5000 लोगों में से अधिकांश इस अपराध में शामिल हैं।
ऐसे की जाती थी ठगी
इस तरह की गई ठगी लोगों से संपर्क कर बैंकों के केवाईसी को अपडेट करने के लिए साझा किए गए लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा गया। पीड़ित के लिंक पर क्लिक करते ही ठगों ने उसके फोन में सेंध लगा ली। जामताड़ा गिरोह के ठगों ने ओटीपी जेनरेट करने और पीडि़तों के बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए स्क्रीन मिररिंग का उपयोग किया।
इस्स तरह सामने आया मामला
चिंचपोकली निवासी तनीषा चौहान के साथ 29 दिसंबर 2023 को केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर धोखाधड़ी हुई थी। ठग ने तनीषा को फोन कर दावा किया कि वह केवाईसी अपडेट करने के लिए एक्सिस बैंक से काल कर रहा है। ठगों ने फोन की स्क्रीन को मिरर कर लिया और तनीषा के बैंक खाते से तीन लाख से रुपये अधिक राशि निकाल ली।पीड़िता ने कालाचौकी पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई। जांच में पता चला कि लिंक सोनसा रहुई गांव के परवलपुर पाड़ा इलाके से भजे गए थे। गुरुवार को पुलिस टीम परवलपुर पाड़ा पहुंची, लेकिन जब तक पुलिस इस गांव में पहुंची तो अधिकांश ग्रामीण पहले ही भाग चुके थे। लेकिन एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।