FRAUD; किन्नर ने दिल्ली में ली ठगी की जबरदस्त ट्रेनिंग, मंत्री की आवाज की नकल कर लगाता रहा पचासों को चूना
कटक एजेंसी, ओडीसा के कृषि मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वाइं की आवाज का नकल करते हुए राज्य के डॉक्टर एवं होटल व्यापारियों समेत पचासों लोगों से उगाही करने के आरोप में एक ठग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस ठग ने अभी तक लगभग 10 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है और वह एअक किन्नर है। उसने बकायदा दिल्ली से ठगी की ट्रैनिंग भी ली है।
जानकारी के मुताबिक, अनुगुल जिला किशोर नगर इलाके का सौम्य रंजन प्रधान उर्फ लकी उर्फ सुलगना (30) को कटक साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह व्यक्ति एक किन्नर है और वह दिल्ली में मौजूद संगठन के पास से ठगी का तालीम लेने के बाद ओडिशा चला आया था । पिछले 2 सालों से वह विभिन्न ठगी के वारदातों को अंजाम दे रहा था।
अस्पताल के मालिक से मंत्री बनकर की बात
कटक सीडीए में मौजूद एक निजी अस्पताल के मैनेजर के मोबाइल पर पिछले वर्ष 2023 सितंबर 6 को एक फोन कॉल आया था। फोन करने वाला व्यक्ति खुद को राज्य कृषि मंत्री के तौर पर परिचय दिया था। एक मरीज के संबंध में वह अस्पताल के मालिक के साथ बातचीत करने के लिए फोन पर कहा था। अस्पताल के मैनेजर इसके बारे में अस्पताल के मालिक को अवगत किया था।
अस्पताल के मालिक ने बाद में उस नंबर को फोन किया था। मंत्री के पी.ए (पर्सनल असिटेंट) का परिचय देकर और एक व्यक्ति ने अस्पताल के मालिक से बातचीत किया। बाद में वह व्यक्ति मंत्री जी को फोन दे रहा हूं कहा था। मंत्री का परिचय देकर फोन पर बात करने वाले व्यक्ति ने कहा कि शिवानी दुर्गा नामक एक महिला उनके अस्पताल को जाएगी। यह कहते हुए उस व्यक्ति ने फिर उस महिला को फोन थमा दिया।
खुद को शिवानी दुर्गा का परिचय देते हुए वह महिला अस्पताल के मालिक के साथ बात किया। वह हवन कर रही है, उसके लिए 31 किलो घी की जरूरत है। उसके लिए 40 हज़ार 500 रुपये फोन पे नंबर में भेजने के लिए उस महिला ने अस्पताल के मालिक को कहा। फिर अस्पताल के मालिक ने उस नंबर को फोन पे के जरिए 40 हज़ार 500 रुपये भेज दिया। बाद में वह नंबर एक साइबर ठग का होने की बात अस्पताल के मालिक को जांच पड़ताल से पता चला। इसके बाद अस्पताल के मालिक ने साइबर थाने में पिछले 7 अक्टूबर को एक मामला दर्ज किया था। साइबर थाना पुलिस घटने की जांच करने के पश्चात सौन्य रंजन के बारे में पता चला और फिर उसे गिरफ्तार किया गया । पुछताछ से यह पता चला कि, वह 2 साल पहले दिल्ली गया था।
दिल्ली से लौटने के बाद किया यह काम
दिल्ली से लौटने के बाद यहां एक ट्रांसजेंडर संगठन में शामिल हुआ था। फिर वह कृषि मंत्री के पास आर्थिक मदद के लिए गया था, लेकिन वहां पर जाकर वह कृषि मंत्री के बातचीत करने की तरीका को ध्यान से देखा और उसी के आधार पर अस्पताल और रेस्टोरेंट मालिक सबको मंत्री का परिचय देकर फोन करता था। फिर उन्हे आसानी से चूना लगाता था। उसके लगभग एक सौ लोगों को चूना लगाने की बात जांच पड़ताल से पता चला है। साइबर थाने के आईएससी चंद्रिका स्वाइं गण माध्यम को दिए जानकारी के अनुसार इस घटने की और अधिक छानबीन जारी है।