HIGH COURT;सीजीपीएससी फर्जीवाड़ा की ईओडब्लयू से जांच इसलिए जनहित याचिका निराकृत
बिलासपुर, सीजीपीएससी चयन सूची में गड़बड़ी को लेकर दायर पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर की याचिका को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने निराकृत कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की मांग पर ईओडब्लयू ने तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और राजभवन के सचिव अमृत खलखो सहित अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। सीबीआई जांच पर शासन को फैसला लेना है। ऐसे में याचिका पर और सुनवाई की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा है किअगर याचिकाकर्ता इससे असंतुष्ट हों, तो बाद में हाई कोर्ट में दोबारा अपील कर सकते हैं।
सीजीपीएससी 2021-22 भर्ती में हुई गड़बड़ियों को लेकर पूर्व गृहमंत्री और भाजपा नेता ननकी राम कंवर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें पीएससी की भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची भी कोर्ट में पेश की गई थी।
याचिका में आरोप लगाया गया कि सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के करीब आधा दर्जन रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर समेत अन्य पदों पर चयनित किया गया है। इतना ही नहीं पीएससी के सचिव अमृत खलखो की बेटी और बेटे, मुंगेली के तत्कालीन कलेक्टर पीएस एल्मा के बेटे, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे, बस्तर नक्सल आपरेशन डीआईजी की बेटी जैसे कई ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया गया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया गया सभी नियुक्तियां पद के प्रभाव के चलते पिछले दरवाजे से की गई हैं।
हाई कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा के डिवीजन बेंच ने शुरुआती सुनवाई के दौरान ही इन नियुक्तियों पर सवाल उठाया था। कोर्ट ने सीजीपीएससी और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कड़ी नाराजगी जताई थी और जांच के निर्देश दिए थे, जिसके बाद पीएससी के अफसर सकते में आ गए थे
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बनाया था मुद्दा
सीजीपीएससी में हुई गड़बड़ियों को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाकर जमकर भुनाया और युवाओं को सरकार के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीजीपीएससी घोटाले की जांच कराने और दोषियों को जेल भेजने की गारंटी दी थी। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सीजीपीएससी में गड़बड़ी की सीबीआइ जांच की घोषणा की गई। वहीं, सरकार के निर्देश पर ईओडब्लयू ने आयोग के तत्कालीन चेयरमैन समेत अन्य अफसरों के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया।
महाधिवक्ता ने कोर्ट को दी जानकारी
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविन्द कुमार वर्मा के डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई हुई। इस दौरान शासन की तरफ से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने बताया कि इस मामले में गड़बड़ी की जांच कराई जा रही है। ईओडब्लयू ने राज्य लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन समेत अन्य आरोपियों पर जुर्म दर्ज किया है। इस केस की सीबीआई जांच कराने को लेकर राज्य शासन को फैसला लेना है। महाधिवक्ता के जवाब के बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि याचिककर्ता की मांग के अनुरूप दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में कोर्ट ने जनहित याचिका को निराकृत कर दिया है।