POLITICS; भाजपा का दावा-छत्तीसगढ़ में हर दिन मिल रहे 1200 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, सरकार गदगद

20 महीने में छत्तीसगढ़ को 7 लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव यानी छत्तीसगढ़ को हर महीने 35 हजार करोड़ का प्रस्ताव
रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमित चिमनानी ने साय सरकार का गुणगान करते हुए दावा किया कि 20 महीनोें में छत्तीसगढ़ देश का बड़ा इंवेस्टमेंट हब बना है। छत्तीसगढ़ निवेशकों की पहली पसंद है। ‘इंडस्ट्री डायलॉग 2’ में छत्तीसगढ़ को निवेशकों द्वारा 1.25 लाख करोड़ के नए निवेश प्रस्ताव मिले हैं। दिल्ली समिट में 15 हजार 184 करोड़ रूपए, मुम्बई समिट में 6 हजार करोड़ रूपए और बैंगलुरू समिट में ऊर्जा क्षेत्र में वृहद निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। वहीं पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा नवा रायपुर में 1100 करोड़ रूपए की लागत से सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित की जा रही है, जो हर साल 10 अरब चिप्स का उत्पादन करेगी।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित चिमनानी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य, वेलनेस और पर्यंटन के क्षेत्र में 3119 करोड़ रुपए का प्रस्ताव मिले है। रैकबैंक द्वारा 150 मेगावाट क्षमता का डेटा सेंटर भी बन रहा है, जिससे बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस नीति की वजह से पिछले सात माह में ही अब तक लगभग 7 लाख करोड़ रूपए का निवेश छत्तीसगढ़ आ चुका है, इसमें पावर सेक्टर में तीन लाख करोड़ निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति, महिलाओं, पूर्व सैनिकों, नक्सल प्रभावित लोगों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। एमएसएमई और स्टार्टअप्स को सस्ती दरों पर ज़मीन और बेहतर एफएआर (बिल्डिंग की ऊंचाई की छूट) मिल रही है।औसतन देखे तो प्रति महीने छत्तीसगढ़ को 35 हजार करोड़ और प्रतिदिन 1200 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल रहे है।
निवेशकों को मदद हेतु सरकार कनेक्टिवी बढ़ाने कर रही बड़े काम
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित चिमनानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ का रेलवे बजट 22 गुना बढ़ा दिया है और रेलवे द्वारा यहां 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं पर काम हो रहा है। खरसिया-नवा रायपुर-परमालकसा रेल प्रोजेक्ट से बलौदाबाजार और खरसिया जैसे सीमेंट हब जुड़ेंगे। जगदलपुर-रावघाट 3500 करोड़ रूपए की लागत वाली रेल लाइन को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। छत्तीसगढ़ देश की कुल माल ढुलाई का छठवां हिस्सा अपने रेलवे नेटवर्क से संभाल रहा है। पिछले 11 सालों में जितनी पटरियां बिछीं, वो 1853 से 2014 तक बिछी कुल पटरियों से कहीं ज्यादा हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए 2014 से 2025 तक 21,380 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
नया रायपुर बन रहा सेंट्रल इंडिया का इकानॉमिक स्पाइन
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि नवा रायपुर को आईटी, फार्मा और एजुकेशन का हब बनाने की दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है। यहां आईटी पार्क, डाटा सेंटर, फार्मा हब और मेडिसिटी जैसी सुविधाएं तैयार हो रही हैं। बीपीओ और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए विशेष इन्क्यूबेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं। लगभग 200 एकड़ में आधुनिक मेडिसिटी विकसित किया जा रहा है। 142 एकड़ में फार्मास्यूटिकल हब के निर्माण के लिए जमीन का आबंटन। नवा रायपुर में ही इलेक्ट्रानिक्स से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए कामन फैसिलिटी सेंटर बनाया जा रहा है। नवा रायपुर में 30 एकड़ में 30 करोड़ रुपए की लागत से रेडीमेड गारमेंट पार्क बनने जा रहा है। 30 एकड़ में ही 40 करोड़ रुपए की लागत से फर्नीचर क्लस्टर बनाया जा रहा है। नवा रायपुर में लाइवलीहुड सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने का निर्णय इस बजट में लिया। नवा रायपुर- संबलपुर बैराज जलमार्ग और मेट्रो के लिए सर्वे किए जा रहे हैं। नवा रायपुर से कार्गाे की सुविधा भी उपलब्ध हो गई है। 20 महीनों के छोटे से कार्यकाल में विष्णु देव साय सरकार में औद्योगिक क्षेत्र में प्रगति की एक नई उड़ान भरी है।
21 महीनों में फूटी कौड़ी नहीं आया अब 10 महीनों में 7 लाख करोड़ निवेश का झांसा
वेलनेश, हेल्थ केयर और पर्यटन के क्षेत्र में 7 लाख करोड़ के नए निवेश के दावे को तथ्यहीन करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विगत 21 महीनों की भाजपा सरकार ने नए निवेश के मामले में चवन्नी नहीं आया है और दावे 7 लाख करोड़ के? मुख्यमंत्री जापान और दक्षिण कोरिया घुम आए, डिप्टी सीएम अरुण साव और वित्त मंत्री ओपी चौधरी अमेरिका गए, औद्योगिकरण और नए निवेश के लिए विदेशी उद्यमियों को आमंत्रित करने के बड़े बड़े दावे किए गए लेकिन नतीजा शून्य रहा। जमीनी हकीकत सरकार के दावे के विपरीत है, नए उद्योग लगना तो दूर भाजपा सरकार की दुर्भावना पूर्वक नीतियों के चलते पहले से संचालित उद्योग दम तोड़ रहे हैं।
4288 कम्पनियां बंद क्यों हो गई?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में जून 2025 तक 18940 पंजीकृत कम्पनियां संचालित थी, जिसमें से 4288 कम्पनियां बंद क्यों हो गई? यहां पूर्व में संचालित स्पंज आयरन, रोलिंग मिलें, राइस मिल, सहकारी शक्कर कारखाने, एथेनॉल प्लांट सरकार की उपेक्षा और उद्योग विरोधी नीतियों के चलते बंद हो गए हैं। सरकार को यह भी बताना चाहिए कि विगत 21 महीनों में कितने अस्पताल, फार्मा उद्योग और ट्रैवल कंपनीया बंद हुए हैं?
वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कृषि और वनोपज प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स में बेहतर काम पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय हुआ था, प्रदेश ने औद्योगिक उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाई। सीमेंट और स्टील के उत्पादन में नए कीर्तिमान रचे गए लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही विगत 21 महीनों के दौरान चार-चार बार बिजली के दाम बढ़ा दिए गए। आज हालात यह है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में औद्योगिक बिजली की दरें हमारे पड़ोसी राज्य उड़ीसा, झारखंड और मध्य प्रदेश की तुलना में छत्तीसगढ़ के उद्योगों को डेढ़ गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।