कानून व्यवस्था

HC;कोल डस्ट पर भड़के सीजे ने कहा- यह तो वही बात हो गई कि हम शराब बेचते हैं, बाकी पीने वाला जाने….

बिलासपुर, एसईसीएल द्वारा बेचे गए कोल के परिवहन के दौरान उड़ रहे डस्ट और जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा भड़क गए। कल इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने एसईसीएल की कार्य प्रणाली पर सख्त टिप्पणियां की। नाराज चीफ जस्टिस ने यहां तक कह दिया कि एसईसीएल का रवैया इस प्रकार है कि हम कोयला बेचते हैं, बाकी परिवहन करने वाला जानें। यह तो वही बात हुई कि शराब बेचने वाला कहे हम तो शराब बेचते हैं बाकी पीने वाला जाने।

पूरे मामले में जरूरी बिंदुओं पर दिशा निर्देश जारी करने के अलावा चीफ जस्टिस ने नया शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं। एसईसीएल की खदानों से निकले कोयले की ट्रांसपोर्टिंग के दौरान उड़ रहे डस्ट के मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। पूर्व में हुई सुनवाई में इसमें शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। सुनवाई के दौरान कोल परिवहन के दौरान जनता को हो रही परेशानियों के लिए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने एसईसीएल को खरी खरी सुनाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप प्लांट चलाइए कोई दिक्कत नहीं है कोई रोकता नहीं है। पर इसका मतलब यह नहीं कि आपके कारण कोई अस्थमा से मर जा रहा है, बरसात का मौसम है, सड़के खराब है,कीचड़ है, आदमी चल नहीं पा रहा, एक्सीडेंट हो जा रहा, इस तरह का रवैया तो मत रखिए।

इसलिए नाराज हुए चीफ जस्टिस

एसईसीएल द्वारा प्रस्तुत एफिडेविट और जवाब पर चीफ जस्टिस भड़क गए। एसईसीएल का जवाब कुछ इस तरह का था कि हम कोयला खदान से कोल प्रोडक्शन करते हैं पर इसका ट्रांसपोर्टेशन हमारे द्वारा नहीं किया जाता। इसे खरीदने वाले ट्रांसपोर्टर करते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या बात है भाई, यह तो बड़ी अच्छी बात कह दी आपने। यह तो उसी प्रकार है कि शराब बेचने वाला कहे हम तो शराब बेचते हैं बाकी शराब पीने वाला जाने। हमने परिवहन का काम ट्रांसपोर्टर को दे दिया है यह कहकर आप अपनी जिम्मेदारियां से बच नहीं सकते।

एसईसीएल के एडवोकेट ने कहा कि हम बैरियर के फोटोग्राफ्स दे देंगे, कोयले का परिवहन पूरे नियम कानून के साथ किया जाता है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि हम खुद ट्रैवल करते हैं, हम खुद आपको फोटो खींचकर दे देंगे की क्या स्थिति है। आप तो कोल वाले हैं, आप तो कोल परिवहन कर रही गाड़ियों की ओर देखेंगे नहीं, उल्टा दूसरी तरफ मुंह घुमा लेंगे। हमने एसईसीएल की लिटिगेंसी देखी हैं, आप एसईसीएल वाले तो एक मजदूर के लिए बड़े से बड़ा वकील खड़ा कर देते हैं ताकि उसे नौकरी ना मिले।

चीफ जस्टिस ने कहा कि एनटीपीसी, एसईसीएल बाकी जितनी भी ऐसी कंपनियां हैं वे देश के विकास के लिए जो काम कर सकते हैं वह करें। पर इसका मतलब यह भी नहीं है कि आप दूसरों को इसके लिए तकलीफ दे। आपके कोल परिवहन करने वाले 18 चक्के वाली व्हीलर गाड़ियों से सड़कों की स्थिति खराब है सड़के धंसी हुई है। 5 किलोमीटर में 25 गड्ढे हो गए हैं, जो हम आपको दिखा सकते हैं और आप कहते हैं कि ये हमारी जवाबदारी नहीं है। हम केवल कोयला प्रोडक्शन करते हैं बाकी ट्रांसपोर्ट करने वाला जाने। चीफ जस्टिस ने कहा कि यदि ऐसा है तो हम ट्रांसपोर्टिंग बंद करवा देते हैं, आप रखे रहिए अपना कोयला अपने पास आप मैन्युफैक्चरर है आपके रिस्पांसिबिलिटी है ऐसा नहीं है कि छोड़ दिए ट्रांसपोर्टर पर।

नाराज सीजे की तल्खी आई सामने

एसईसीएल के अधिवक्ताओं ने अपना तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि माइनिंग एरिया में इस बात का बराबर ध्यान रखा जा रहा है कि नियमों का पालन हो। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या ध्यान दिया जा रहा है, माइनिंग एरिया में मर्डर हो गया कल आप ही तो आए थे उसको अपोज करने के लिए। ट्रांसपोर्टरों की आपसी लड़ाई में कि कौन पहले कोयला निकालेगा,कौन ट्रक ले जाएगा। 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर हुआ हैं,सीधा मर्डर है ये। और आप कह रहे हैं कि हमारा काम सिर्फ कोयला निकालना है। ऐसा न करें।

सीजे ने दिया ऐसा निर्देश

चीफ जस्टिस ने कहा कि हम सिर्फ इसी काम के लिए नहीं है। आपके पास बड़े-बड़े सलाहकार हैं, आप फायदा कमाए पर नागरिकों की सेहत और सुरक्षा का भी ध्यान रखें । हम इस मामले में आंखें थोड़ी ना बंद रख सकते हैं। चीफ जस्टिस ने इंस्ट्रक्शन जारी करते हुए कहा कि आप ऐसा करेंगे कि जितनी गाड़ियां आपके यहां से निकलेंगी उसे बिना कोल कवर के परमिट नहीं करेंगे। उसकी फोटो के साथ हाईवे पेट्रोलिंग टीम चेक करेगी।। यदि खुले में कोयला परिवहन करते मिला तो उस ट्रांसपोर्टर की एग्रीमेंट ,रजिस्ट्रेशन रद्द कर दीजिए। चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि हम पूरी फोर्स लगवा कर चेक करवाएंगे इसके साथ ही फ्रेश एफिडेविट फाइल करने के निर्देश सीजे ने दिए हैं।

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