कानून व्यवस्था

NAXALITE; गोलियों की गूंज से थर्राया रेड कारीडोर, दंडकारण्य में ही सर्वाधिक 281 नक्सली ढेर, 15 राज्य 4 सेंट्रल कमेटी के सदस्य शामिल

357 नक्सली ढेर

0 साथियों की याद में नक्सलियों का शहीदी सप्ताह 28 जुलाई से

जगदलपुर, देश में 31 मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवादी को खत्म करने की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए आक्रामक लड़ाई लड़ी जा रही है। गोलियों से गूंज से रेड कारीडोर थरथरा रहा है। नक्सलियों की माने तो साल भर में ही 357 नक्सली मारे गए है। इसमें बडे नक्सली नेता शामिल बताए गए है।

इसी बीच नक्सली संगठनों ने अपने कबूलनामे में माना है कि सुरक्षाबलों के हाथों पिछले एक साल में उनके 357 माओवादी मारे जा चुके हैं। सुरक्षाबलों के गोलियों के शिकार हुए नक्सलियों में महिला नक्सली भी शामिल हैं, जिनकी संख्या 136 बताई गई है। नक्सलियों के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त मुहिम से खासकर छत्तीसगढ में नक्सल संगठनों की हालत खराब है। लगातार नक्सली निशाने पर आ रहे नक्सली या तो सरेंडर करने को मजबूर हैं या गिरफ्तार हो रहे हैं वरना सुरक्षाबलों के गोलियों के शिकार होकर मारे जा रहे हैं।

चार नक्सलियों की विशेष पहचान

जारी प्रेसनोट में नक्सलियों ने एक साल के भीतर हुए नुकसान को स्वीकारा है। बताया गया कि एक साल में 136 महिला सदस्यों के साथ 357 नक्सली मारे जा चुकें हैं। वहीं मारे गए नक्सलियों में 4 सीसी (सेंट्रल कमेटी) मेंबर और 15 राज्य कमेटी के सदस्य शामिल हैं।बुकलेट में चार नक्सलियों की विशेष पहचान भी साझा की गई है, जिनकी गया-हजारीबाग और बिहार-झारखंड विशेष क्षेत्र में क्रांतिकारी आंदोलन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन नेताओं में से एक ने 2009 में विशेष क्षेत्र के सचिव का दायित्व संभाला था और बाद में पूर्वी बिहार–उत्तर-पूर्वी झारखंड विशेष क्षेत्र समिति के सचिव के रूप में कार्य किया।

दंडकारण्य क्षेत्र में सबसे बड़ा नुकसान

नक्सलियों द्वारा जारी बुकलेट में बताया गया है कि मारे गए 357 नक्सलियों में से 281 दंडकारण्य क्षेत्र से, 23 तेलंगाना से, 20 ओडिशा से, 14 बिहार-झारखंड क्षेत्र से, 8 महाराष्ट्र-मध्य क्षेत्र से, 1-1 पंजाब और पश्चिमी घाट से थे। इसके अलावा, 4 साथी खराब स्वास्थ्य और अनुचित उपचार के चलते, 1 साथी दुर्घटना में, 80 नक्सली फर्जी मुठभेड़ों में और 269 घेराबंदी हमलों में मारे गए।

28 से शहीदी सप्ताह

नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने जारी एक प्रेस नोट में यह कबूल किया है. करीब 24 पेज वाले गोंडी बोली व इंग्लिश भाषा में नक्सलियों ने कबूलनामे का बुकलेट भी जारी किया हैं. कबूलनामे के मुताबिक नक्सली संगठन मारे गए साथियों की याद में 28 जूलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाएंगे.

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