VICE PRESIDENT; भारत के उपराष्ट्रपति होंगे सीपी राधाकृष्णन, NDA उम्मीदवार को मिले उम्मीद से अधिक वोट

नई दिल्ली, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गए हैं। राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 300 मत हासिल हुए। उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 767 वोट डाले गए, 752 वैध और 15 अवैध थे। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक वोटिंग हुई। कुल 768 सांसदों ने वोट डाले। लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर भारत की संसद में कुल 788 सांसद होते हैं। वर्तमान में दोनों सदनों को मिलाकर 7 सीटें रिक्त हैं। इस तरह कुल 781 सांसदों को वोट करना था, जिसमें से 13 वोटिंग में शामिल नहीं हुए। इनमें बीआरएस के 4, बीजेडी के 7, अकाली दल के 1 और 1 निर्दलीय सांसद ने वोट नहीं डाला। एनडीए 427 सांसदों ने वोट किया।

राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 मत मिले। उन्हें भारत का उपराष्ट्रपति चुना गया है। विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 मत मिले।’ उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 13 सांसदों ने मतदान से परहेज किया। इस सूची में बीजू जनता दल के सात, भारत राष्ट्र समिति के चार, शिरोमणि अकाली दल का एक और एक निर्दलीय सांसद शामिल हैं।
बता दें कि आज सुबह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य शीर्ष नेताओं ने उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट डाला। उपराष्ट्रपति का पद 21 जुलाई, 2025 से रिक्त है, क्योंकि जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
राधाकृष्णन कई राज्यों में राज्यपाल रहे
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन, जो एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित होने से पहले 31 जुलाई, 2025 तक महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे। इससे पहले, उन्होंने फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। मार्च और जुलाई 2024 के बीच, उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। राधाकृष्णन इससे पहले झारखंड, तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। कोयंबटूर से दो बार सांसद रहे राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था।
RSS से सार्वजनिक जीवन की शुरुआत
राधाकृष्णन ने 1974 में बीजेपी के पूर्ववर्ती संगठन, भारतीय जनसंघ की राज्य समिति के सदस्य बने। जनसंघ से पहले, वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए थे। वर्ष 1996 में, राधाकृष्णन को बीजेपी तमिलनाडु का सचिव नियुक्त किया गया, जिसके बाद वे 1998 में कोयंबटूर से लोकसभा सदस्य चुने गए और 1999 में पुनः निर्वाचित हुए।
संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे
अपने सांसद कार्यकाल के दौरान, उन्होंने संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए संसदीय समिति और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी रहे। राधाकृष्णन स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच करने वाली संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी थे। 2004 से 2007 तक, राधाकृष्णन तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष रहे और उन्होंने 93 दिनों तक चली 19,000 किलोमीटर की ‘रथ यात्रा’ का नेतृत्व भी किया।
राधाकृष्णन को 2016 से 2020 तक केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और वे चार वर्षों तक इस पद पर रहे। उनके कार्यकाल के दौरान, भारत से कॉयर निर्यात 2532 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। वे 2020 से 2022 तक केरल में भाजपा के अखिल भारतीय प्रभारी भी रहे।