NEET UG 2024; क्या नीट यूजी काउंसलिंग पर लगेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल, परीक्षा रद्द करने की मांग
नईदिल्ली, एजेंसी, नीट यूजी रिजल्ट को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. अब इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल हुई है. इसमें पूरे मामले की जांच SIT से कराने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि 4 जून को आए नीट यूजी रिजल्ट के आधार पर होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए. साथ ही परीक्षा रद्द करके इसके दोबारा आयोजित की जानी चाहिए. यह याचिका तेलंगाना के रहने वाले अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और आंध्र प्रदेश के रहने वाले डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन ने दाखिल की है.
याचिकाकर्ताओं ने नीट यूजी परीक्षा में ग्रेस मार्क्स देने में मनमानी का आरोप लगाया है. इस संबंध में उनका तर्क है कि कई छात्रों द्वारा 720 में से 718 और 719 अंक हासलि करना स्टैटिकली असंभव है. उनका आरोप है कि परीक्षा में देरी के चलते ग्रेस मार्क्स देना कुछ छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने की दुर्भावनापूर्ण कवायद है. याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर भी संदेह जताया है कि एक परीक्षा केंद्र के 67 परीक्षार्थियों को पूरे 720 अंक मिले हैं. उन्होंने यह भी बताया है कि एनटीए द्वारा 29 अप्रैल को जारी प्रोविजनल आंसर-की को लेकर कई शिकायतें हैं.
परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर दायर हो चुकी हैं कई याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट में दायर नई याचिका में पांच मई को आयोजित नीट यूजी परीक्षा का पेपर लीक होने की व्यापक शिकायतों का भी हवाला दिया गया है. बता दें कि पेपर लीक होने के आधार पर परीक्षा रद्द करने की मांग वाली दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में पहले ही दायर हो चुकी हैं. 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी ही एक याचिका पर नोटिस जारी किया था. लेकिन शीर्ष अदालत ने परीक्षा के रिजल्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
शिक्षा मंत्रालय ने गठित की है जांच कमेटी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और शिक्षा मंत्रालय ने 1500 से अधिक परीक्षार्थियों के रिजल्ट की समीक्षा करने के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. मंत्रालय ने इसकी जानकारी शनिवार को दी थी. यह कमेटी ग्रेस मार्क्स पाने वाले स्टूडेंट्स के रिजल्ट की समीक्षा करेगी.
कलकत्ता हाईकोर्ट में भी याचिका
नीट यूजी परीक्षा में हुई अनियमितता को लेकर एक याचिका कलकत्ता हाईकोर्ट में भी दायर की गई है. यह याचिका श्वेतांक सैलकवाल के माध्यम से दायर की गई है. इस याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने एनटीए से जवाब मांगा है.