NEGLIGENCE;प्रधानमंत्री नल जल योजना कागजों में, डेढ़ बरस से नल में पानी आने का इंतजार
महासमुंद, महासमुंद जिले में प्रधानमंत्री नल जल योजना कागजों में चल रही है। कलेक्टर के सख्त निर्देश के बाद भी इस गर्मी में भी लोगों की प्यास नही बुझ रही है। पानी के लिए सुबह -शाम बाल्टी -गुंडी लेकर महिलाओं को हेंडपम्प का चक्कर काटना पड रहा है।
ताजा मामला जिले के नगर पालिका पिथौरा से लगे बस्ती लाखागढ की है। यहां डेढ़ बरस पहले घर घर नल कनेक्शन के साथ पानी की टंकी भी बन गई। पर अब भी नलों के मुंह सूखे पड़े हैं। अब भी ग्रामवासी आधा किलोमीटर दूर से पानी भरकर घर ला रहे हैं. उधर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के एसडीओ ने लाखागढ़ की नल जल योजना को सुचारू रूप से चलना बताया है।
देश भर में जल आपूर्ति हेतु केंद्र सरकार द्वारा नल जल योजना चलाई गई है इसके तहत आवश्यक आबंटन भी तत्काल जारी किया जा रहा है। इस योजना में ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक परिवर को निःशुल्क नल कनेक्शन दिया जाता है, परन्तु अफसरशाही ने केंद्र की इस महत्वाकांक्षी योजना पर पलीता लगा दिया है। ग्राम लाखागढ़ के इंदिरा कॉलोनी के रहवासी वर्तमान में नारकीय जीवन जी रहे है। केंद्र एवम राज्य की योजनाओं के बारे में यहां के लोगो को पता ही नही है।
ग्राम वासियों में राधा बाई, उर्मिला बाई, दुलारी ,जगदीश महाराज एवम ओंकार ने बताया कि कोई डेढ़ बरस पहले ग्राम के सरपंच द्वारा घर घर मे एक नल लगवाया गया था। उस दौरान उन्होंने इस नल के माध्यम से उन्हें निःशुल्क जल उपलब्ध होने की जानकारी दी गयी थी। परन्तु डेढ़ बरस के बाद भी नल तो जस की तस लगे है। इसमें कभी भी एक बूंद पानी नही आया। इसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर जन दर्शन में की गयी थी। जहां से पीएचई को मामला सुलझाने का आदेश दिया गया था। इधर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के कार्यपालन अभियन्ता ने उक्त मामले में जांच कर लिखित में बताया कि नल पूरे पंचायत क्षेत्र के घरों में लग गए है. पानी टँकी का कार्य भी गुणवत्ता पूर्वक हुआ है।
इंदिरा कॉलोनी के ग्रामीणों ने बताया कि यहां के लिए अब तक विभिन्न मदो से 5 नग ट्यूबवेल स्वीकृत हुए है। परन्तु एक ही ट्यूबवेल वार्ड के एक गौटिया परिवार के घर के बाहर ही खोदा गया है। यही से पूरी कॉलोनी का निस्तार चलता है। सुबह से शाम तक यहां की महिलाएं बच्चे एवम पुरुष ट्यूबवेल से पानी भरने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहते है। बहरहाल इस वर्ष पड़ रही गर्मी और पखवाड़े भर बाद प्रारम्भ होने वाली भीषण गर्मी से ग्रामीणों का परेशान होना तय है।