FARMER; एग्री स्टैक पोर्टल किसानों के लिए बना मुसीबत,अब समितियों में लाइन

रायपुर, एग्री स्टेक पोर्टल में किसानों को पंजीयन में आ रही दिक्कतों पर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा है कि आधे अधूरे रिकॉर्ड और तकनीकी खामियों को दुरुस्त किए बगैर पंजीयन की अनिवार्यता से महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं से किसान वंचित हो रहे हैं। सरकार की दुर्भावना और बदइंतजामी के चलते समितियों के चक्कर से छत्तीसगढ़ के किसानों की धान बिक्री का सपना अधर में लटक गया है। जब तक सरकार व्यवस्था पूरी तरह से दुरुस्त नहीं कर लेती तब तक समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए पंजीयन करने की पुरानी मैन्युअल व्यवस्था को यथावत जारी रखना चाहिए।
यहां जारी एक बयान में कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा है कि भुइया-एप में त्रुटिपूर्ण एंट्री, बटांकन, सीमांकन नामांतरण के लंबित मामलों और सरकार के ही कृषि, सहकारिता और राजस्व विभाग के आपस में समन्वय की कमी के चलते प्रदेश के लगभग आधे किसान एग्री स्टैग पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करने से वंचित हैं, जिसके लिए यह सरकार और प्रशासनिक अकर्मण्यता ही जिम्मेदार है। बिना समुचित तैयारी के भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी सरकार अपने तुगलकी निर्णय को किसानों पर जबरिया थोप रही है।
एग्री स्टेट पोर्टल में केवल 2023 तक के ही रिकॉर्ड अपडेट किए गए हैं उसके बाद की खरीदी गई भूमि ,नामांतरण और बंटवारे की प्रविष्टियां सरकार के पोर्टल में ही दर्ज नहीं है जिसको लेकर किसान बार-बार तहसील कार्यालय, कलेक्टर ऑफिस, एसडीम कार्यालय, पटवारी और आरआई के चक्कर काटने मजबूर हैं। भाजपा के मंत्री विधायक और मुख्यमंत्री तक शिकायत के बावजूद आज तक उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पाया है लेकिन यह सरकार अपने विभाग की गलतियों पर भी किसानों को ही प्रताड़ित कर रही है।