राज्यशासन

SIC;सूचना देने में आनाकानी करने वाले 639 अफसरों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही, डेढ़ करोड़ का जुर्माना भी

0 एक साल में 1.15 लाख से अधिक आरटीआई आवेदन

रायपुर, सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत समय पर जानकारी नहीं देने वाले तकरीबन 639 अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनत्मक कार्रवाई के लिए कहा गया है और उन्हें तगड़ा जुर्माना भी लगाया गया है। गत वर्ष एक साल में 1.15 लाख से अधिक आरटीआई आवेदन प्राप्त हुए थे। इसमेन 10 हजार से अधिक महिलाओं ने भी आवेदन किया है।

राज्य सूचना आयोग की एक रिपोर्ट में यह खुलासा करते हुए बताया गया है कि यह स्थिति वर्ष 2024 की है। सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 सरकार और अधिकारियों के कामकाज में सुधार लाने और पारदर्शिता लाने का एक सार्थक प्रयास है। सूचना का अधिकार देश में भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने और अधिकारियों में लालफीताशाही को नियंत्रित करने लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इस अधिनियम के माध्यम से ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसके अंतर्गत कोई भी नागरिक लोक प्राधिकारी के कार्यकलापों के संबंध में सूचना प्राप्त कर सकते है। यदि जनसूचना अधिकारी द्वारा संबंधित को समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो ऐसे अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा गठित राज्य सूचना आयोग द्वारा दण्डित किया जा सकता हैं।

01 करोड़ 53 लाख से अधिक जूर्माना भी

आयोग द्वारा वर्ष 2024 में 1 करोड़ 53 लाख 13 हजार रूपये का अर्थदंड अपील एवं शिकायतों के प्रकरणों में जन सूचना अधिकारीगण को अधिरोपित किया गया है। सूचना के अधिकार के तहत अगर गलत जानकारी देता है तो उसके खिलाफ एफआईआर की जा सकती है।आम जनता के लिये यह अधिकार बनाया गया हैं।

छत्तीसगढ़ में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के कानून का क्रियान्वयन कमजोर करने का काम जनसूचना अधिकारी कर रहे हैं? अधिकारी सूचना देने के अनुरोध को स्वीकार करने में आनाकानी कर रहे हैं! सूचनाएं समय पर न देने के साथ ही मांगी गई सूचना को भी नष्ट कर रहे हैं या भ्रामक जानकारी दे रहे हैं। यही कारण है कि इस तरह की कारगुजारी करने वालों पर राज्य सूचना आयोग ने शिकंजा कसते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है।

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