PADDY;3 दिनों में धान खरीदने-बेचने की जद्दोजहद, गोढ़ी में समिति कर्मियों एवं किसानों के बीच तनातनी
रायपुर, प्रशासन द्वारा सोसायटियों को शेष बचे 3 दिनों के भीतर हर हाल में किसानों के शेष बचे धान को खरीदने का अघोषित फरमान जारी करने के कारण धान खरीदने – बेचने मचे अफरातफरी के बीच आज सोमवार को दोपहर समय गोढ़ी सोसायटी के धान उपार्जन केन्द्र गोढ़ी में किसानों व कर्मियों के बीच तनातनी हो गया । खबर मिलने पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित पूलिस अमला भी पहुंच गया । किसानों व कर्मियों से चर्चा कर जनप्रतिनिधियों ने खरीदी अवधि बढ़ाने शासन को ज्ञापन सौंपने का भरोसा दिलाते हुये विश्वास व्यक्त किया कि शासन व्यापक किसान हित में अविलंब तिथि बढ़ाने की घोषणा करेगा ।
किसानों व कर्मियों के बीच तनातनी होने की खबर मिलते ही भाजपा जिला किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष कुलेश्वर बैस , क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य माखन कुर्रे , क्षेत्रीय जनपद सदस्य पवन धीवर , किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा व सिवनी के जागरूक युवा युवराज वर्मा आदि पहुंच गये । समिति प्रबंधक बद्री प्रसाद तिवारी ने जानकारी दी कि केंद्र की बफर लिमिट 10320 क्विंटल के मुकाबले 18093 क्विंटल धान जाम है और परिवहन न होने की वजह से केन्द्र में धान रखने जगह नहीं है। चबूतरे भरे पड़े हैं और जमीन पर धान रखने पर वरिष्ठ अधिकारी कार्यवाही की धमकी देते हैं । इसके बावजूद भी किसानों के दबाव में मजबूरन धान खरीदी कर जमीन में रखना पड़ रहा है और अब खरीदी ठप्प होने के कगार पर है । धान खरीदी की शुरूआती लिमिट 1936 क्विंटल को बढ़ाकर 4700 क्विंटल कर दिये जाने व हमाल नहीं मिलने की वजह से भराई , सिलाई व स्टेकिंग की भी समस्या आने की जानकारी देते हुये उन्होंने बतलाया कि व्यवहारिक समस्याओं को देखते हुये 3 दिनों के भीतर किसानों के शेष बचे धान करीबन 14 हजार क्विंटल को खरीद पाना संभव नहीं है और इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गयी है ।इधर किसानों द्वारा अवधि न बढ़ने पर धान न बिक पाने की चिंता को लेकर आक्रोश प्रगट किया गया । श्री बैस सहित सभी जनप्रतिनिधियों ने शासन से अविलंब खरीदी तिथि बढ़ाने की घोषणा का आग्रह किया गया है ताकि धान खरीदी सुचारू रूप से हो सके ।
धान खरीदी की तिथि 1 महिना बढ़ाने की मांग
इधर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि धान खरीदी की तिथि एक महिना और बढ़ाया जाना चाहिये। अभी तक प्रदेश के 5 लाख से अधिक किसानों ने अपना धान नहीं बेचा है, तो ऐसे में धान खरीदी की समय सीमा बढ़ानी चाहिये। सरकार गलत बोलती है कि लक्ष्य प्राप्त हो गया। यह लक्ष्य तो भूपेश बघेल की सरकार ने निर्धारित किया था, 130 से 140 लाख मीट्रिक टन का था, तब 20 क्विंटल प्रति एकड़ की खरीदी के हिसाब से लक्ष्य था जब घोषित कर दिया प्रति एकड़ 21 क्विंटल लिया जायेगा तो यह लक्ष्य बढ़कर 150 लाख मीट्रिक टन हो जायेगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने कम से कम एक महिने धान खरीदी और बढ़ानी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि साय सरकार के दुर्भावना और किसान विरोधी षड़यंत्रों के चलते प्रदेश के किसान परेशान है। मौसम की खराबी का बहाना बनाकर कई संग्रहण केंद्रों में तौलाई रोक दी गयी। टोकन जारी करने में लेटलतीफी सर्वविदित है। तौलाई की धीमी रफ्तार बारदानों की कमी के चलते किसान अपना धान नहीं बेच पाये है। व्यवस्था दुरुस्त करने के बजाय भाजपा सरकार के इशारे पर रकबा समर्पण करा के कई संग्रहण केंद्रों में धान की खरीदी बंद करा दी गयी है।