राजनीति

PROTEST; नई गाइडलाइन और रजिस्ट्री दर में वृद्धि का विरोध, पुलिस ने किया लाठीचार्ज,राजधानी में प्रदर्शन 2 को

दुर्ग, शहर के पटेल चौक पर आज भूमि की गाइडलाइन दर और रजिस्ट्री दर में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों ने चक्का जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज किया। प्रदर्शन का नेतृत्व मनोज राजपूत, बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के संचालक द्वारा किया जा रहा था। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि नई गाइडलाइन दर और रजिस्ट्री दर में वृद्धि से आम जनता और छोटे व्यवसायियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।

आज सुबह से ही कई वाहन मार्ग अवरुद्ध रहे, जिससे शहर के महत्वपूर्ण मार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ। पुलिस ने पहले चेतावनी देने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने मार्ग खाली नहीं किया, जिसके बाद अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों को मामूली चोटें आई हैं।

इससे पहले भी यहां व्यापारियों का जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला था, जब प्रदेश अध्यक्ष किरण देव के काफिले को रोककर व्यापारियों ने विरोध जताया था। प्रशासन ने उस समय भी संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की कोशिश की थी।2 दिसंबर को राजधानी रायपुर के अंबेडकर चौक में वित्त मंत्री ओपी चौधरी का पुतला दहन कर  आप पार्टी प्रदर्शन करेगी।

प्रदर्शनकारियों की मांग

प्रदर्शनकारी व्यापारियों और जमीन कारोबारियों का आरोप है कि नई गाइडलाइन से जमीन और मकानों की रजिस्ट्री कई गुना महंगी हो गई है, जिससे कारोबार पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. इसी के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा था. जैसे ही प्रदर्शनकारी पटेल चौक पहुंचे, पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे रियल एस्टेट कारोबारी पंकज मारकंडे ने बताया कि वे पिछले सात दिनों से शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे और प्रशासन को चक्का जाम की पूर्व सूचना भी दी गई थी.

6 लाख मूल्य की जमीन 4 लाख 40 हजार की स्टांप ड्यूटी -कांग्रेस
 
भाजपा सरकार के द्वारा बेतहाशा वृद्धि की गई जमीन गाइडलाइन दर को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार को हठधर्मिता त्याग कर जनहित में जमीन गाइडलाइन दर में 10 से 100 प्रतिशत की गयी वृद्धि को वापस लेना चाहिये। गाईड लाइन दर में बेतहाशा वृद्धि सरकार तानाशाही पूर्ण फैसला है। इस फैसले से गरीबो, किसानों, मध्यवर्गीय परिवार की जमीन खरीद कर मकान बनाने का सपना टूटा है। किसान खेती जमीन खरीद नही पायेगा, न ही जरूरत पर जमीन बेच पायेगा। रियल स्टेट कारोबार भी चौपट होगा। इसे भवन निर्माण कार्य बंद होगा जिसका असर सीमेंट स्टील रेती गिट्टी ईटा सेनेटरी हार्डवेयर बिजली समान फर्नीचर सेक्टर पर भी मंदी आयेगी। भवन निर्माण कार्य में लगे कुशल अकुशल श्रमिक भी बेरोजगारी संकट से जूझेंगे। सरकार को भी राजस्व की हानि होगी।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा रायपुर शहर के आसपास अगर कोई 1000 फिट जमीन की खरीदी 6 लाख रु. में करता है तो उसे 4 लाख 40 हजार रु. रजिस्ट्री शुल्क चुकाना होगा, कुछ क्षेत्रों में रजिस्ट्री शुल्क और जमीन की कीमत एक बराबर होगी, कुछ क्षेत्रों में जमीन की कीमत से ज्यादा रजिस्ट्री शुल्क देना पड़ेगा। ऐसे गरीब आदमी मकान कैसे बनायेगा? तिनका तिनका जोड़कर और कर्ज लेकर जमीन खरीदने वालों को जमीन के साथ रजिस्ट्री के लिए भी कर्ज लेना पड़ेगा, फिर मकान बनाने पैसा कहाँ से इंतजाम करेगा?

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