
0 तोमर बंधुओं के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज
रायपुर, राजधानी में सूदखोरी के दम पर अवैध साम्राज्य खड़ा करने वाले करणी सेना के अध्यक्ष वीरेंद्र तोमर और उसके भाई रोहित तोमर पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। अंडा ठेले से शुरू करने वाले इन दोनों भाइयों ने ब्याज के धंधे में गहराई से उतरकर लोगों की मजबूरी को हथियार बनाया और करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली।
अब जब पीड़ित खुलकर सामने आए हैं, तो पुलिस ने न सिर्फ दोनों भाइयों, बल्कि उनके भतीजे दिव्यांश तोमर को भी गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उनकी पत्नियों और परिवार के अन्य सदस्यों को भी आरोपी बनाया है। आरोपी स्पा सेंटर में लोगों की अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर जबरन वसूली करते थे। छापेमारी के बाद से दोनों भाई फरार हैं। आरोपी रसूख के लिए राजनीति का सहारा लेते थे और लोगों को डराते थे।
कंट्रोल रूम में मामले का राजफाश करते हुए एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के खिलाफ जबरन वसूली, मारपीट, धमकी और संगठित गिरोह बनाकर अपराध करने जैसे गंभीर आरोपों के तहत केस दर्ज किया है। तेलीबांधा थाना क्षेत्र में मारपीट की घटना में आरोपियों ने पुलिस को ही सर्च वारंट लाने की चुनौती दी। इसके बाद कोर्ट से वारंट लेकर पुलिस ने उनके घरों पर छापेमारी की, जहां से नकदी, हथियार, दस्तावेज और लग्जरी गाड़ी बरामद की है।
पीड़ितों ने लगाया गंभीर आरोप
दुर्ग और रायपुर के तीन पीड़ित जयदीप बनर्जी, नासिर बख्श और मनीष साहू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि तोमर भाइयों ने उन्हें उधार दी गई राशि के बदले कोरे चेक पर हस्ताक्षर करवाए और मूलधन लौटाने के बावजूद जमीन की जबरन रजिस्ट्री करवा ली। रजिस्ट्री से इन्कार करने पर जेल भेजने और जान से मारने की धमकियां भी दी गई।
बैंक पर भी बनाया दबाव
यूको बैंक से फाइनेंस कराई गई बीएमडब्ल्यू कार की किश्तें जमा नहीं करने पर बैंक द्वारा रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की गई, तो तोमर भाइयों ने बैंक अधिकारियों को भी धमकाया। यूको बैंक प्रबंधन ने थाने जाकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।
आयकर विभाग को पत्र
जांच के लिए पुलिस ने आयकर विभाग को पत्र लिखा है। जल्द ही आयकर विभाग की टीम जांच करेगी। इनकी संपत्ति कहां से अर्जित की गई है उसके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। आरोपियों के घर से छापेमारी के दौरान सोना, नकदी और अवैध हथियार बरामद किया गया है।
डिफाल्टर बनाकर की वसूली
पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि दोनों भाई ऐसे लोगों को निशाना बनाते थे, जो किसी वजह से बैंक लोन की किश्त समय पर जमा नहीं कर पाते थे। वे खुद को बिचौलिया बताकर पहले बैंक रिकवरी टीम को धमकाते और बाद में पीड़ित से जमीन या संपत्ति औने-पौने दाम में हड़प लेते थे।
पैसे की हेराफेरी के लिए स्वजन का खाता
पुलिस जांच में सामने आया है कि सूद से वसूली गई रकम वीरेंद्र और रोहित अपने परिवार की महिलाओं शुभ्रा और नेहा तोमर एवं कर्मचारी योगेश के बैंक खातों में ट्रांसफर करवाते थे। पुलिस ने कई बैंक खाते सीज कर लिए हैं और अब इन खातों की जांच की जा रही है।