POLITICS;झारखंड की राजनीति में फिर से सक्रिय होने जा रहे हैं रघुवर दास ,मिलेगी बडी जिम्मेदारी
रघुवर दास
भुवनेश्वर, ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद यह तय है कि रघुवर दास झारखंड भाजपा की राजनीति में फिर से सक्रिय होने जा रहे हैं। उन्हें भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कौन सी जिम्मेदारी देगा? इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। वह झारखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
इस पर रघुवर का कहना है-मेरी अगली भूमिका पार्टी (भाजपा) तय करेगी। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे निभाऊंगा। मालूम हो कि रघुवर दास ने मंगलवार को राज्यपाल के पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद बुधवार को उन्होंने पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें ओडिशा के लोगों की सेवा करने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ओडिशा विकास कर रहा है- दास
महाप्रभु जगन्नाथ का दर्शन करने के बाद मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मैं ओडिशा के लोगों के उत्साह को सलाम करता हूं। डबल इंजन की सरकार के तहत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ओडिशा विकास कर रहा है। मुझे उम्मीद है कि ओडिशा 2036 तक एक विकसित राज्य बन जाएगा। मैं खुद को पार्टी का एक सामान्य कार्यकर्ता समझता हूं। जो भी आदेश-निर्देश होगा उसका पालन करूंगा।
ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफे के बाद से रघुवर दास सुर्खियों में हैं. उन्हें भाजपा में बड़ी जिम्मेदारी देने की संभावना जताई जा रही है. रघुवर दास भुवनेश्वर से सीधे रांची आ रहे हैं. बीजेपी सूत्रों के अनुसार रघुवर दास कल रांची के भाजपा कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं. सदस्यता ग्रहण करने के बाद जमशेदपुर जाएंगे या दिल्ली ये फिलहाल स्पष्ट नहीं है. जमशेदपुर से बड़ी संख्या में उनके समर्थक रांची के लिए निकल चुके हैं.
दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान ही रघुवर दास एक्टिव पॉलिटिक्स में लौटना चाहते थे. लेकिन पार्टी में चल रही आंतरिक गुटबाजी की वजह से उन्हें रोका गया था. फिर भी विधानसभा चुनाव में उनके प्रभाव का नतीजा था कि जमशेदपुर पूर्वी सीट से उनकी बहू को टिकट मिला था. उनकी बहू ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ अजय कुमार को हराया है. इससे स्पष्ट हो गया है कि जमशेदपुर पूर्वी में रघुवर दास की राजनीतिक पकड़ कितनी मजबूत है. अब उनके इस्तीफे के बाद दो तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. एक पक्ष का कहना है कि उन्हें झारखंड बीजेपी की कमान दी जा सकती है, क्योंकि अर्जुन मुंडा अलग-थलग पड़ चुके हैं और 2024 के चुनाव में बाबूलाल मरांडी फेल हो चुके हैं.
वहीं, एक पक्ष का यह भी कहना है कि रघुवर दास को केंद्रीय बीजेपी में अहम भूमिका मिलने की संभावना है. उन्होंने अपने इस्तीफे के बाद ओडिशा में दिए गए बयान में कहा कि पार्टी आलाकमान जो निर्णय लेगा, उन्हें स्वीकार्य होगा. रघुवर दास पहले भी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं. खास बात है कि इस राजनीतिक घटनाक्रम से उनके समर्थक बेहद खुश और आशान्वित नजर आ रहे हैं. चर्चा है कि खरमास अवधि खत्म होते ही 14 जनवरी के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि उन्हें कौन सी जिम्मेदारी मिलने जा रही है.