
रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद शिक्षा विभाग को भ्रष्टाचार के मामले में भारत रत्न मिलना चाहिए। सरकार किसी की हो युक्तियुक्तकरण एक दुधारू गाय है। जिसमें दूध पीकर भ्रष्टाचार पनपता है। कर्मचारी नेता एवं आम आदमी पार्टी के कर्मचारी विंग के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा ने युक्तियुक्तकरण की कड़ी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि सरकार किसी की हो युक्तियुक्तकरण होता ही है। बस अंतर इतना है कि गरीब मांगे तो भीख है, अमीर मांगे तो चंदा है। सरकार में बैठे हैं तो चंदा है, विपक्ष में बैठे तो शिक्षा विभाग का धंधा है। श्री झा ने कहा है कि शिक्षा विभाग स्कूलों में अध्ययन अध्यापन व्यवस्था किस शिक्षक से किस लिपिक से या किस भृत्य से क्या काम लिया जाए। इसकी संपूर्ण जवाबदारी प्राचार्य को देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि दो साल में सरकार स्थानांतरण नीति पर प्रतिबंध नहीं हटा सकी। लेकिन युक्तियुक्तकरण अप्रत्यक्ष रूप से स्थानांतरण ही है। इस युक्तियुक्तकरण का विरोध करने पुराने शिक्षाकर्मी संगठन जिन्होंने लंबा आंदोलन किया था और तत्कालीन कलेक्टर एवं वर्तमान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने उनके आंदोलन को आधी रात को इसलिए वापस कराया था कि दूसरे दिन प्रतिपक्ष के नेता भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ बंद का आवाहन किए थे। किंतु दुर्भाग्य है भूपेश बघेल सरकार में भी युक्तियुक्तकरण हुआ। इसलिए युक्तियुक्तकरण तत्काल बंद किया जाकर शिक्षा की व्यवस्था उनके प्राचार्य को दिया जाना चाहिए।
युक्तियुक्तकरण रोजगार विरोधी कदम – कांग्रेस
कांग्रेस ने स्कूलों में युक्तियुक्तकरण का विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि युक्तियुक्तकरण से 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जायेंगे। इसके कारण 10 हजार स्कूल भी बंद हो जायेंगे। शिक्षकों की नई भर्तियां न करनी पड़े इसलिए साय सरकार शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर रही है। सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने षड्यंत्र रचा है। साय सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ेगा। नए सेटअप में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एचएम को शिक्षकीय पद मानते हुए प्राइमरी में 30 और मिडिल में 35 बच्चों के बीच एक शिक्षा का सेटअप घोषित किया गया है। प्राथमिक शालाओं में पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है, अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षको के द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है?