REGISTRY; रायपुर में भी संंम्पत्तियों की रजिस्ट्री नई प्रणाली से शुरु, अब आधार, पैन नंबर और बैंकों से जुड़ेगा पंजीयन, नई तकनीक से रुकेगा फर्जीवाड़ा
रायपुर, अचल संपत्तियों के पंजीयन के लिए राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) लागू होने से जमीन-जायदादों से जुड़े विवादित मामलों में कमी आने की संभावना है। नई प्रणाली में आधार, पैन नंबर इंटीग्रेशन के साथ ही बैंकों से आनलाइन भुगतान की सुविधा मिलेगी। पंजीयन, राजस्व के साथ आयकर का जुड़ाव होने से किसी प्रकार के भ्रम पर संपत्तियों का खाका साफ्टवेयर पर तत्काल दिखाई देगा। बहरहाल आज 15 जनवरी से रायपुर में भी राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) लागू किया जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, इससे जमीनों के फर्जीवाड़े के मामले में कमी आएगी। साथ ही, सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। संपत्ति के अधिकारी और स्वामित्व की जांच के लिए राजस्व विभाग के भुइंया साफ्टवेयर से इंटीग्रेशन किया गया है। पंजीयन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में प्रदेश के तीन शहरों में यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में संचालित किया जा रहा था।
इस पद्धति के माध्यम से धमतरी, अभनपुर और महासमुंद में 45,000 से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन किया जा चुका है। दूसरे चरण में धमतरी व महासमुंद जिले के सरायपाली, बसना, पिथौरा, कुरूद एवं नगरी में 11 जनवरी से यह पद्धति लागू की गई है।एनजीडीआरएस प्रणाली वर्तमान में देश के 14 राज्यों में लागू है। केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग के तहत इसका साफ्टवेयर एनआइसी ने तैयार किया है। इस प्रणाली में सभी राज्यों का डेटा एनआइसी के क्लाइड सर्वर में सुरक्षित रूप से संधारित होता है। आम लोगों के लिए इस सिस्टम में आइडी-पासवर्ड की सुविधा हैं, जिसके माध्यम से वे आनलाइन भुगतान के साथ जमीनों के दस्तावेजों की जांच कर सकते हैं।