RESORT POLITICS; चंपई सोरेन ने 37 विधायकों को भेजा हैदराबाद, झारखंड में अब फ्लोर टेस्ट का इंतजार…
रांची, एजेंसी, नवनियुक्त मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सामने बहुमत परीक्षण के पहले विधायकों को एकजुट रखने की बड़ी चुनौती है। हालांकि इसकी कवायद तभी आरंभ कर दी गई थी जब लगा था कि राजभवन से सरकार बनाने के लिए आमंत्रण मिलने में देरी होगी।
गुरुवार की रात इन विधायकों हैदराबाद ले जाने की कवायद आरंभ हुई। इसके लिए दिल्ली से विशेष विमान मंगाया गया था। विधायकों को भगवान बिरसा मुंडा एयरपोर्ट ले जाया गया। वहां तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद वे विमान में भी सवार हो गए। सारे विधायक लगभग एक घंटे विमान में बैठे रहे, लेकिन नियंत्रण कक्ष से उड़ान भरने की अनुमति ही नहीं मिली।
गुरुवार को मौसम ने दिया दगा, फिर शुक्रवार को शुरू हुई कवायद
दरअसल, मौसम ने दगा दे दिया। भारी कुहासे की वजह से दृश्यता काफी घट गई थी। बाद में फ्लाइट रद्द कर दी गई। इसके बाद शुक्रवार की सुबह एक ओर मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने की तैयारी चल रही थी तो दूसरी तरफ विधायकों को हैदराबाद ले जाने की कवायद आरंभ हुई।
37 विधायक हैदराबाद के लिए रवाना हो गए। उन्हें वहां अत्याधुनिक सुख-सुविधाओं से युक्त लियोनी रिजॉर्ट में ठहराया गया था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी जब सरकार पर संकट आया था तो विधायकों को विशेष विमान से रायपुर ले जाया गया था। विधायक वहां कई दिन ठहरने के बाद वापस लौटे थे।
हैदराबाद नहीं जाना चाहते थे कांग्रेस के कई विधायक, मनाने के लिए प्रभारी पहुंचे गेस्ट हाउस
कांग्रेस के ज्यादातर विधायक चाहते हैं कि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी के नए चेहरों को मौका दिया जाए। शुक्रवार को इसे लेकर बड़े पैमाने पर पार्टी विधायकों की नाराजगी भी सामने आई। ऐसे विधायक हैदराबाद जाने को तैयार नहीं थे। सुबह जैसे ही यह सूचना कांग्रेस नेतृत्व को मिली तो विधायकों को मनाने के प्रयास आरंभ हो गए।
5 फरवरी को चंपई सोरेन की ‘अग्निपरीक्षा’, विधानसभा में साबित करना होगा बहुमत
सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक चंपई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने शुक्रवार को राजभवन के दरबार हाल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम तथा राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री एवं दोनों मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। चंपई सहित दोनों मंत्री हेमंत सरकार में भी मंत्री थे।नई सरकार पांच फरवरी को अपना बहुमत साबित करेगी। हालांकि, राज्यपाल ने इसके लिए 10 दिनों का समय दिया था। बहुमत साबित होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। इधर, शपथ ग्रहण के बाद राजभवन से निकलते हुए नए मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि हेमंत बाबू ने जो काम शुरू किया है उसे वे पूरा करेंगे। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पिछली सरकार ने झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए जो काम शुरू किया था, जो योजनाएं शुरू की थीं, उन्हें वे समय पर पूरा करेंगे।