कानून व्यवस्था

SATTA; कभी टायर बेचता था महादेव सट्टा ऐप का मालिक रवि उप्पल,खड़ा किया 6,000 करोड़ का साम्राज्य

दुर्ग, महादेव बेटिंग ऐप मामले में दुबई के अधिकारियों को बड़ी सफलता मिली है। महादेव सट्टा एप के को फाउंडर रवि उप्पल को रवि हिरासत में लिया गया है। महादेव सट्टा एप का मालिक रवि उप्पल वही व्यक्ति हैं जिन्होंने भिलाई का नाम सट्टेबाजी में फैलाने का किया। रवि उप्पल  जहां पर भी खेलों का आयोजन होता था वहां पर यह पहुंचकर पैसे लगाया करता था।

उप्पल को जल्द ही भारत लाया जा सकता है। महादेव बेटिंग ऐप के किंग के नाम से प्रसिद्ध रवि उप्पल कभी भिलाई के सुपेला दक्षिण गंगोत्री में टायर की दुकान चलाया करता था। इसके अलावा जगह-जगह नलकूप खनन का कार्य भी किया करता था। रवि उप्पल नेहरू नगर में रहता था। इस घर को उसके पिताजी ने खरीदा था।इसके पिता भिलाई इस्पात संयंत्र में बड़े पद पर थे, जो रिटायर हो गए थे। इस दौरान उन्होंने काफी पैसे एकत्र कर रखें थे। 

रवि उप्पल ने महादेव ऐप के जरिए 6000 करोड़ का हेरफेर किया। रवि उप्पल जगह-जगह होने वाले आयोजनों में जाकर पैसे दिया करता था और अपने नाम का प्रचार प्रसार करवाता था। अपने आपको बड़ा आदमी बताने में लगा रहता था। इसके द्वारा सेक्टर 6 स्थित एक मंदिर में नलकूप खनन करवा कर पैसे भी नहीं लिए गए थे।

रवि उप्पल को सौरभ का राइट हेंड माना जाता था 

सौरभ चंद्राकर के साथ यह भिलाई में सट्टा भी खेलता था। महादेव ऐप को लेकर रवि उप्पल सौरभ चंद्राकर के साथ दुबई चला गया था। रवि को सौरभ का राइट हेंड माना जाता है। उप्पल की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस और मुंबई पुलिस के अलावा कथित अवैध सट्टेबाजी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा की जा रही है। संघीय जांच एजेंसी ने अक्टूबर में छत्तीसगढ़ के रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष उप्पल और इंटरनेट-आधारित प्लेटफॉर्म के एक अन्य प्रमोटर, सौरभ चंद्राकर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग आरोप पत्र दायर किया था।

ईडी ने जांच में किए कई खुलासे 

बाद में ईडी के अनुरोध के आधार पर इंटरपोल द्वारा एक रेड नोटिस जारी किया गया था। ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है। अधिकारियों ने कहा कि ईडी की जांच से पता चला है कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप यूएई के एक केंद्रीय प्रधान कार्यालय से चलाया जाता है। इसमें कहा गया था कि यह अपने ज्ञात सहयोगियों को 70-30 प्रतिशत लाभ अनुपात पर “पैनल/शाखाओं” की फ्रेंचाइजी देकर संचालित होता है।

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