0 नैतिक शिक्षा कार्यक्रम पर एक दिवसीय कार्यशाला
नारायणपुर, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र नारायणपुर में नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय नैतिक शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और युवाओं को नैतिकता, ईमानदारी, और समाज में सकारात्मक योगदान के महत्व के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ रत्ना नशीने ने दीप प्रज्वलित कर किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “आज के समय में नैतिक शिक्षा की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। यह हमारे समाज को बेहतर और शांतिपूर्ण बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।”
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, जिनमें शिक्षाविदों और प्राध्यापकों ने नैतिकता के महत्व, सहिष्णुता, ईमानदारी और आदर्श जीवनशैली पर अपने विचार साझा किए। छात्रों के लिए समूह चर्चा और संवाद का आयोजन भी किया गया, जिसमें उन्होंने नैतिक शिक्षा के प्रभाव और इसकी व्यावहारिकता पर विचार-विमर्श किया।
विशेष सत्र में डॉ सत्येंद्र गुप्ता ने नैतिक शिक्षा को दैनिक जीवन में अपनाने के लिए प्रेरणादायक कहानियों और उदाहरणों के माध्यम से समझाया। प्रतिभागियों को नैतिकता से जुड़े मूल्य जैसे सत्य, अहिंसा, और समानता का पालन करने की शपथ दिलाई गई।
कार्यक्रम के अंत में डॉ देवेंद्र कुर्रे ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि “नैतिक शिक्षा केवल एक पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं, बल्कि जीवन का अभिन्न अंग है”। इस कार्यक्रम से हमें युवाओं के भीतर सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद है।