TEMPLE; 4 साल बाद खुले जगन्नाथ मंदिर के चारों कपाट, सत्ता संभालते ही CM माझी ने दी खुशखबरी; लोगों का आया रिएक्शन-कम होगी मनमानी
भुवनेश्वर, पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार गुरुवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव, प्रभाति परिडा और नए मंत्रिपरिषद के सदस्यों की उपस्थिति में गुरुवार को पुरी सिंह द्वार के साथ ही बंद पड़े अन्य तीन द्वार के कपाट को भक्तों के लिए खोले गए। चारों द्वार सिंहद्वार, पश्चिम द्वार, उत्तर द्वार एवं दक्षिण द्वार खुलने से श्रद्धालु बिना किसी बाधा के मंदिर में दर्शन कर रहे हैं। इस मौके पर पुरी के सांसद संबित पात्रा, बालेश्वर के सांसद प्रताप चंद्र षाड़ंगी और पार्टी के अन्य मंत्री तथा नेता भी मौजूद थे।
मंदिर के चारों द्वार खुलने से भक्त एवं भगवान के बीच रहने वाला प्रतिबंधक अब हट गया है। इससे अब बिना किसी बाधा के मंदिर में जाकर भक्त महाप्रभु के दर्शन कर रहे हैं।
पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार खुलने पर अपनी प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा है कि महाप्रभु की कृपा एवं करुणा से राज्य में नई सरकार बनी है। महाप्रभु के आशीर्वाद से आज चारों द्वार खोले गए हैं। दर्शन करने के साथ ही मंदिर के अंदर एवं बाहर की स्थिति का हमने अनुध्यान किया है। भक्तों के अनुशासित एवं आराम से दर्शन हो इसके लिए जरूरी कदम हमारी सरकार द्वारा उठाया जाएगा। पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों दरवाजे खोलने का बड़ा फैसला बुधवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया था।
बाद में पुरी मंदिर प्रबंधन समिति की आपात बैठक हुई। इसमें कपाट खुलने के बाद क्या व्यवस्था की जाएगी, इस पर विस्तृत चर्चा हुई।
24 नवंबर 2021 को बंद कर दिया गया था द्वार
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार को भक्तों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इसके बाद 24 नवंबर 2021 को परिक्रमा परियोजना के शिलान्यास के समय मुख्य द्वारा को छोड़कर तीन द्वार को बंद कर दिया गया था।
तीन फरवरी 2022 को राज्य सरकार ने निर्णय लिया था कि केवल सिंहद्वार से भक्त मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। केवल सिंहद्वार से भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति होने से भक्तों को देर तक मंदिर के बाहर कतार में खड़ा होना पड़ता था। इससे पुरी शहर एवं स्थानीय मठ मंदिर के श्रद्धालुओं को ज्यादा असुविधा हो रही थी। इसके चलते मनमानी भी हो रही थी। कुछ समय बाद मंदिर के चारों द्वार खोलने की मांग हुई और इसे लेकर विरोध प्रदर्शन एवं आंदोलन भी हुआ। पुरी के लोग एवं विभिन्न संगठन तथा राजनीतिक दल की तरफ पुरी बंद किया गया। इसके बाद सरकार ने 24 जुलाई 2023 को केवल सेवक एवं पुरी के लोगों के लिए पश्चिम द्वार खोला।
हालांकि, सिंह द्वार की तरफ से बैरिकेड लगाने से बुजुर्ग, महिला एवं बच्चों को असुविधा का सामना करना पड़ता था। परिक्रमा परियोजना की आड़ में पूर्व राज्य सरकार ने भक्तों के लिए चार द्वार प्रवेश बंद किया था। 27 जनवरी 2024 को परिक्रमा परियोजना का लोकार्पण हुआ फिर भी सभी द्वार नहीं खोले गए। भक्तों को सुविधा देने के नाम पर अवैध वसूली भी शुरु हो गई, जो अभी भी जारी है।