SUSPEND; जमीन पर खेला, संभाग आयुक्त ने तहसीलदार को किया निलंबित,भू-स्वामी का पक्ष सुने बिना काट दिया नाम

राजनांदगांव, खैरागढ़ जिले में की जमीन पर हुए आदेश ने तहसील से लेकर संभाग मुख्यालय तक हड़कंप मचा दिया है। खैरागढ़ की तत्कालीन नायब तहसीलदार रश्मि दुबे को संभाग आयुक्त दुर्ग सत्य नारायण राठौर ने चार सितंबर को निलंबित कर दिया है। आरोप गंभीर है, उन्होंने भूमि विवाद में ऐसा आदेश पारित किया, जिसमें असली भूमिधारी को सुने बिना ही रिकॉर्ड से उसका नाम काट दिया और दूसरों का नाम चढ़ा दिया। मामला खैरागढ़ के खसरा नंबर 163, जिसका रकबा 0.214 हेक्टेयर का है। अभिलेखों के मुताबिक, यह जमीन वर्ष 1968-69 से अश्वनी पिता रामाधीन के नाम दर्ज है। इस विवाद की शिकायत भी अश्वनी ने ही सीधे संभाग आयुक्त से की थी।
मामले की जांच में सामने आया कि 2021 में रश्मि दुबे ने केवल दो महीने के भीतर आदेश जारी कर दिया। इसमें न तो भूमिधारी अश्वनी को पक्षकार बनाया गया और न ही सुनवाई का मौका दिया गया। कब्जे के आधार पर स्वामित्व तय कर दिया गया, जबकि यह राजस्व न्यायालय का अधिकार ही नहीं है।
इस गड़बड़ी को गंभीर लापरवाही मानते हुए संभाग आयुक्त ने आदेश को विधि विपरीत करार दिया और निरस्त कर दिया। इसके बाद आयुक्त ने सीधी कार्रवाई करते हुए रश्मि दुबे पर निलंबन की कार्रवाई की। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय कबीरधाम तय किया गया है। उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। इस आदेश ने खैरागढ़ से लेकर कबीरधाम तक राजस्व अमले में सनसनी फैला दी है। अब बड़ा सवाल यही है कि यह मामला सिर्फ लापरवाही का है या फिर इसके पीछे किसी दबाव और सेटिंग की कहानी छिपी है?