
रायपुर, साय कैबिनेट में आज बर्खास्त बीएडधारी शिक्षकों के समायोजन के फैसले के बाद विभागीय आदेश भी जारी हो चुका है. स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए 5 अलग-अलग बिंदुओं दिशा निर्देश जारी किया है.जारी आदेश के अनुसार, हटाए गए बीएड धारी 2621 सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के राज्य में रिक्त 4422 पदों में समायोजित किया जाएगा. यह समायोजन गैर विज्ञापित पदों पर किया जाएगा.
कला वाणिज्य संकाय से 12वीं उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को निर्धारित अहर्ता पूर्ण करने के लिए 3 वर्ष की अनुमति दी जाएगी. साथ ही इन अभ्यार्थियों को प्रयोगशाला कार्य के संबंध में SCERT के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के शेष 335 विद्यार्थियों के लिए पदों का सृजन किया जाएगा. राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों के जिलों में रिक्त पदों पर सीमावर्ती जिलों के रिक्त पदों पर समायोजन किया जाएगा. इसके बाद अन्य जिलों में किया जाएगा.

126 दिनों तक चला शिक्षकों का आंदोलन
बता दें कि 10 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया था कि सहायक शिक्षक पद के लिए केवल D.Ed. डिग्रीधारी पात्र होंगे, B.Ed. धारकों की नियुक्ति रद्द की जाए. इस फैसले ने 2621 सहायक शिक्षकों की नौकरी छीन ली थी. इसके बाद बर्खास्त बीएड शिक्षकों ने अलग-अलग अंदाज में प्रदर्शन किया. 18 अप्रैल को शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम विष्णुदेव साय से मुलाकात की. सीएम के आश्वासन के बाद नवा रायपुर के तूता धरना स्थल में 126 दिनों तक चले आंदोलन को शिक्षकों ने समाप्त किया था. सरकार ने बर्खास्त बीएड शिक्षकों के समायोजन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी. इसमें प्रमुख सचिव विधि विभाग, सचिव वित्त विभाग, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग और सचिव सामान्य प्रशासन विभाग शामिल थे.
संघर्ष करने वालों की कभी हार नहीं होती-बीएड शिक्षकों को हड़ताल अवधि का कुछ मानदेय मिले-आज मई दिवस से सेवा की गणना हो-विजय झा
आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई शहादत व खून देकर बलिदानी मजदूरों का दिवस है। प्रदेश के 3 माह से आंदोलनरत सहायक शिक्षक डीएड प्रदेश के आदिवासी समाज के शिक्षित सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला में समायोजित करने का मंत्री परिषद का निर्णय उनके संघर्ष की जीत है। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है कि मजदूर आंदोलन का इतिहास गवाह है कि संघर्ष करने वालों की कभी हार नहीं होती है। उन्होंने मांग की है कि आंदोलन अवधि में वे हड़ताली सहायक शिक्षक गरीबी रेखा में आ चुके हैं लाखों रुपए खर्च और संघर्ष कर चुके हैं। ऐसी स्थिति में आंदोलन अवधि का प्रति माह कुछ मानदेय सम्मान निधि स्वरूप देकर, उनके विरुद्ध थानों में दर्ज प्रकरणों को वापस लेने का निर्णय लेकर आज मजदूर दिवस में उनको सम्मानित करना चाहिए। इसके साथ ही उनकी सेवाएं आज 1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस से गणना करते हुए उनके आंदोलन व उनके श्रम का सम्मान किया जाना चाहिए। श्री झा ने कहा है कि आज प्रतिवर्ष अनुसार रायपुर ट्रेड यूनियन काउंसिल के तत्वाधान में फाफाडीह टेलीफोन एक्सचेंज में संध्या 5 बजे मई दिवस की सभा रैली होगी। जिसे ट्रेड यूनियन कौंसिल संयोजक एचपी साहू, सुधाकर चिलमवार, सुख दास बंजारे, संजय शर्मा सहित मजदूर नेता रैली का नेतृत्व करते हुए सभा को संबोधित करेंगे।