कानून व्यवस्था

NAXALITE;मारा गया 1 करोड़ का इनामी टॉप नक्सली सुधाकर, शिक्षा विभाग का था प्रभारी

सुधाकर

जगदल्पुर, छत्तीसगढ के बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ एक और बड़ी सफलता फोर्स को मिली है। फोर्स ने बीजापुर के नेशनल पार्क एरिया में सेंट्रल कमेटी के मेंबर और चार राज्यों के मोस्ट वांटेड नरसिम्हाचलम उर्फ सुधाकर को ढेर कर दिया। उस पर कुल 1 करोड़ का इनाम घोषित था। गुरुवार सुबह सुरक्षाबलों को नेशनल पार्क एरिया में बड़े नक्सल लीडर्स की मौजूदगी की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर ऑपरेशन लांच किया गया था।

डीआरजी, एसटीएफ और सीआरपीएफ के जवान जब मौके पर पहुंचे तो उनके निशाने पर सुधाकर आ गया। मुठभेड़ के बाद पूरे इलाके में जवानों की सर्चिंग जारी है। नक्सलियों के तेलंगाना स्टेट कमेटी में प्रेस इंचार्ज बंडी प्रकाश समेत बड़े नक्सलियों की मौजूदगी की भी खबर है। बीजापुर एसपी जितेंद्र कुमार यादव, डीआईजी कमलोचन कश्यप और एएसपी मयंक गुर्जर मुठभेड़ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

नक्सलियों की शिक्षा विभाग का हेड था

पुलिस ने मोस्ट वांटेड नक्सलियों की जो सूची तैयार की थी उसमें सुधाकर भी शामिल था। वह नक्सलियों की शिक्षा विभाग का प्रभारी था। संगठन की विचारधारा, नीति और प्रचार से जुड़े अभियानों का संचालन करता था। सुधाकर पिछले कई वर्षों से छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में नक्सली नेटवर्क को संभाल रहा था।

आटोमेटिक हथियार जब्त

सुधाकर के शव के पास से फोर्स को अत्याधुनिक ऑटोमेटिक हथियार भी मिले हैं। उसके साथ बंडी प्रकाश और पापा राव जैसे बड़े लीडर्स के होने की भी सूचना आ रही है। उनकी जंगल में मौजूदगी की सूचना के आधार पर ही ऑपरेशन को जारी रखा गया है और जवान लगातार सर्चिंग कर रहे हैं।

कौन था नक्सली कमांडर सुधाकर

 67 वर्षीय सुधाकर मूलतः आंध्रप्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के ग्राम प्रगदावरम, मंडल चिंतलपुडी का रहने वाला था। उसके पिता का नाम रामकृष्ण नायडू था। नक्सली उसे नरसिम्हा चालम उर्फ गौतम उर्फ सुधाकर उर्फ आनंद उर्फ चंटी बालकृष्ण उर्फ रामाराजू उर्फ अरविंद उर्फ सोमन्ना के नाम से भी पुकारते थे। वह माओवादी विचारधारा, नीति-रीति और प्रचार से प्रभावित होकर नक्सल अभियानों का संचालन कर रहा था। वह नक्सल संगठन में शिक्षा विभाग के कामों को देखता था। वह पिछले कई सालों से छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में नक्सली संगठन को संभाल रहा था। वह एक कुख्यात माओवादी नेता था, जो कई हिंसक घटनाओं में शामिल था। इसके अलावा माओवादी वैचारिक प्रशिक्षण समिति का प्रभारी होने के नाते वह युवाओं को हिंसक और राष्ट्रविरोधी विचारधारा के जरिये गुमराह भी करता था। वह माओवादी संगठन का रणनीतिकार था और लंबे समय से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नजर में था। छत्तीसगढ़ में उस पर 40 लाख रुपये और अन्य राज्यों में भी उस पर लाखों का इनाम घोषित था। बताया जाता है कि उस पर कुल एक करोड़ का इनाम घोषित था। 

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