टिकट कटने के बाद निर्दलीय फार्म भरने वाले अनूप नाग पहले विधायक;बोले- और भी विधायकों की परफार्मेंस खराब थी,फिर उन्हें टिकट क्यों दी ?
कांकेर, कांग्रेस ने 83 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसमें 18 विधायकों की टिकट काटी गई है। लेकिन केवल अंतागढ़ विधायक अनूप नाग ने बागवत करते हुए निर्दलीय नामांकन भर दिया है। जब उनसे इतने बड़े निर्णय को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने साफ आरोप लगाया कि पार्टी में कुछ लोगों ने षड्यंत्र कर उनकी टिकट कटवाई है। समय आने पर वे उन्हें एक्सपोज भी करेंगे। बता दें कि पार्टी ने अंतागढ़ से रूपसिंह पोटाई को मैदान में उतारा है। पहले चरण में होने वाले चुनाव में अंतागढ़ भी है।
पुलिस की नौकरी के बाद राजनीति में आए विधायक अनूप नाग का मानना है कि छल-कपट और षड्यंत्र कर मेरा टिकट काटा गया है। समय आने पर मैं दस्तावेज के साथ इस षड्यंत्र को प्रमाणित करूंगा। 15 साल भाजपा की सरकार में लगातार मंत्री, सांसद, प्रदेश अध्यक्ष रहने वाले विक्रम उसेंडी को मैंने 2018 में पराजित किया था। आज टिकट कटने के बाद किसको टिकट दिया गया है? बारदा गांव से सरपंच चुनाव हारने वाले को। क्या मापदंड क्या आंकलन है ये पार्टी का, मेरी तो समझ के ही परे है।
विधायक अनूप नाग ने कहा कि बहुत सारे विधायक हैं, जिनकी सर्वे रिपोर्ट अच्छी नहीं थी। उन्हें बदलने की बात बार-बार हो रही थी। अब उनको क्यों टिकट दी गई? जब उसके संबंध में बात आती है तो कहा जाता है कि पूर्व मंत्री मैदान में उतर गए हैं, उनसे कौन फाइट करेगा। अंतागढ़ में भी तो पूर्व मंत्री सामने हैं। तो क्या उनसे सरपंच हारने वाला फाइट करेगा। ये कहने की बातें हैं जिनको देना है उनको टिकट दी गई। जिन्हें नहीं देना थी उनकी किसी भी बहाने से काट दी गई।
नाग ने कहा कि मेरे क्षेत्र की जनता कांग्रेस के निर्णय से बहुत आहत है। यह फैसला मेरी जनता का है। चुनाव में पार्टी के साथ-साथ प्रत्याशी भी मायने रखता है। लेकिन भाजपा से आए, सरपंच का चुनाव हारे व्यक्ति को वोट देने से पहले जनता जरूर सोचेगी। अगर मैंने निस्वार्थ भाव से पार्टी से हटकर काम किया है, तो सभी लोगों की सहानुभूति मुझे मिलेगी। मैंने पांच साल तक लोगों के लिए दिन रात काम किया है। कोरोना काल में भी मैं रूका नहीं, लोगों के बीच रहा।