कानून व्यवस्था

इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक मैनेजर के नार्को टेस्ट की FSL रिपोर्ट और सीडी पुलिस को सौंपी;बड़े लोगों की गिरफ़्तारी संभव

रायपुर, इंदिरा प्रियदर्शनी महिला सहकारी बैंक घोटाले के आरोपी बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट की एफएसएल रिपोर्ट और सीडी पुलिस को सौंपी गई है। न्यायलय के आदेश के बाद पुलिस को सीडी और रिपोर्ट मिली। पुलिस सीडी और FSL रिपोर्ट का अवलोकन कर दोबारा जांच शुरू करेगी।

बता दें कि जांच में कई और बिंदु सामने आ सकते हैं। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि जांच के बाद कई बड़े लोगों की गिरफ़्तारी भी हो सकती है। साल 2006-07 में 54 करोड़ रुपयों का घोटाला हुआ था। कोतवाली रायपुर में बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा समेत 18 बैंक संचालक मण्डल के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में ख्यानत समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ था।

यह है मामला

वर्ष 2006 में राजधानी स्थित बैंक में 54 करोड़ रुपये का घोटाला की बात सामने आई। कोतवाली पुलिस ने मैनेजर का नार्को टेस्ट कराया। नार्को टेस्ट में मैनेजर ने कई प्रभावशाली लोगों का नाम लेकर उन्हें पैसे देने की बात की थी। नार्को टेस्ट में घोटाले के प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया था कि उसने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल व रामविचार नेताम सहित कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपये दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए।

पुलिस करेगी पूछताछ

छत्तीसगढ़ शासन उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि यह आम लोगों से जुड़ी करोड़ों की धनराशि का मामला है। छत्तीसगढ़ सरकार की अपील पर इस प्रकरण में रायपुर न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायाधीश ने जांच की अनुमति दे दी है। 10 आरोपियों के अलावा पालिग्राफिक टेस्ट, ब्रैन मैपिंग और नार्कों टेस्ट के आधार पर जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, पुलिस अब उनसे पूछताछ करेगी।

कांग्रेस ने मांगी थी जांच की अनुमति

बता दें कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि प्रदेश में सरकार बनी तो इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच कराएंगे। पिछली सरकार ने बैंक घोटाले की चार्जशीट कोर्ट में पेश करने के दौरान नार्को टेस्ट की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की थी, जबकि वायरल वीडियो में कई बड़े लोगों के नाम थे। इसके बाद ही कांग्रेस ने पूर्ववर्ती रमन सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और जांच की मांग शुरू की थी। बीते 21 जून को बिलासपुर उच्च न्यायलय ने बैंक घोटाले की दोबारा जांच के आदेश दिए। आदेश के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा था कि जनता की गाढ़ी कमाई के घोटाले की जांच की अनुमति न्यायालय से मिल चुकी है।

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