मुख्य सचिव से लेकर आधा दर्जन आईएएस अफसर न्यायालयीन अवमानना के घेरे में
बिलासपुर, हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी शासन स्तर पर अमल करने में विभागीय अधिकारी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। इसके चलते कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी सहित आधा दर्जन आइएएस अफसर को अवमानना नोटिस जारी किया है। नाराज कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर व्यवस्था दुरुस्त करने निर्देश भी जारी किया है।आइएएस के अलावा विभिन्न विभागों के विभाग प्रमुख को भी कोर्ट ने अवमानना मामले में नोटिस जारी किया है।
हाई कोर्ट के निर्देश का समय पर पालन ना करने के कारण याचिकाकर्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाई कोर्ट के न्यायदान की प्रक्रिया में यह लापरवाही रोड़ा अटकाने का काम कर रही है। इससे याचिकाकर्ताओं को चौतरफा नुकसान उठाना पड़ रहा है। मजबूरी में ही सही आदेश के परिपालन को लेकर हाई कोर्ट में दोबारा याचिका दायर करना पड़ रहा है। दोबारा याचिका दायर करने में वकीलों को फीस से लेकर अन्य सारी औपचारिकताओं को नए सिरे से पूरा करना पड़ता है। समय के साथ ही आर्थिक भार पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आधिकारिक वेबसाइट पर लंबित मामलों की संख्या पर नजर डालें तो जुलाईमहीने में न्यायालयीन अवमानन के एक हजार 775 मामले लंबित है। कुल लंबित मामलों की संख्या 92 हजार 478 है। न्यायालयीन अवमानना के घेरे में आइएएस से लेकर राज्य शासन द्वारा अलग-अलग विभागों के लिए नियुक्त किए गए ओआईसी से लेकर विभाग प्रमुख भी शामिल हैं।
सेवानिवृति के बाद भी विभागीय जांच को स्थगित ना करने के आरोप में डा अरुण सिंह रात्रे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने मामले का निराकरण का निर्देश दिया था। कोर्ट के निर्देश के बाद याचिकाकर्ता को दोबारा नोटिस जारी किया गया। याचिकाकर्ता ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव आईएएस सिद्धार्थ काेमल परदेशी व संचालक स्वास्थ्य सेवाएं आइएएस जेपी मौर्य के खिलाफ न्यायालयीन आदेश की अवहेलना को लेकर याचिका दायर की है। कोर्ट ने दोनों आईएएस को अवमानना नोटिस जारी किया है।
इधर बेसहारा मवेशियों को नेशनल व स्टेट हाइवे से हटाकर गोठानो में सुरक्षित रखने के लिए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश जारी किया है। इसके लिए नौ सितबंर को मुख्य सचिव को शपथ पत्र के साथ डिवीजन बेंच के समक्ष उपस्थित होना होगा।