मैं अपना खून और आत्मा भी लगा दूं तो पर्याप्त नहीं होगा, पीजी छात्रा के सुसाइड नोट से सामने आई प्रताड़ना की कहानी
भोपाल, ‘मेरी थीसिस मैं कभी पूरी नहीं कर पाऊंगी और ये लोग मुझे कभी भी दोबारा नहीं जी पाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए यदि मैं अपना खून और आत्मा लगा दूं और अपना सब कुछ दे दूं तो यह उनके लिए कभी भी पर्याप्त नहीं होगा। आपकी मर्जी के विरुद्ध इस कालेज में प्रवेश करना चुना। नेव इट्ज़ कभी भी उनके लिए पर्याप्त नहीं है।
इस निर्णय पर मुझे बहुत पछतावा है। मैंने विषय सीख लिया है, लेकिन इन लोगों में नैतिकता की कमी और विषाक्तता इतनी अधिक है कि मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती.. मुझे वास्तव में खेद है। ’ यह अंश हैं एनेस्थिसिया के इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर जान देने वालीं गांधी मेडिकल कालेज की गायनेकोलाजी की पीजी तृतीय वर्ष की छात्रा डा बाला सरस्वती के सुसाइड नोट के।
डा. बाला ने यह सुसाइड नोट अपने मोबाइल में टाइप किया था। खुदकुशी के दूसरे दिन पुलिस को मोबाइल की जांच में यह मिला। इसके सामने आने के बाद मेडिकल कालेज के छात्रों का आक्रोश और बढ़ गया। जीएमसी के जूडा मंगलवार दोपहर से हड़ताल पर चले गए हैं। उनकी मांग है कि विभागाध्यक्ष और आरोपी प्रोफेसरों पर कार्रवाई की जाए।
पुलिस ने खुदकुशी के मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस को फोन के नोट पेड में टाइप करके रखा नोट मिला जो बाला किसी को भेजना चाह रही थीं, लेकिन किसी कारण से नहीं भेजा। इसके अलावा मृतका के माता-पिता और भाई-बहन के बयान दर्ज किए गए। बयानों में मृतका के स्वजन ने बेटी को मेडिकल कालेज में शिक्षकों द्वारा प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। पति ने भी ऐसे ही आरोप लगाए हैं। बाला सरस्वती ने सोमवार तड़के घर में एनेस्थीसिया के इंजेक्शन लगाकर खुदकुशी कर ली थी। सुबह पति उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मृतका के स्वजन मंगलवार को बेंगुलरु से भोपाल पहुंचे, जिसके बाद डाक्टर का पोस्टमार्टम किया गया।
गर्भवती थी महिला डाक्टर
शाहजहांनाबाद एसीपी उमेश तिवारी ने बताया कि शुरूआती जांच में पता चला है कि मृतका सरस्वती की शादी वर्ष 2021 में जयवर्धन चौधरी से हुई थी। वह वर्तमान में करीब 14 सप्ताह की गर्भवती थीं।
पुलिस के सामने बयान दर्ज कराए
एसीपी उमेश तिवारी ने बताया कि डा बाला सरस्वती के खुदकुशी के मामले में स्वजन ने मेडिकल कालेज के शिक्षकों द्वारा लगातार प्रताड़ित करने और लगातार अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने के आरोप लगाए हैं। स्वजन ने बताया है कि बाला जब भी अवकाश की बात करती थी तब उस पर कामचोर जैसी टिप्पणियां की जाती थीं। यह बात उसे असहनीय लगती थी। जांच के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
यह लिखा सुसाइड नोट में
पुलिस को जो सरस्वती के मोबाइल से जो सुसाइड नोट मिला है, उसका लब्बोलुआब यह है कि मां और पिताजी कृपया मुझे माफ कर दीजिए मैं जो कर रही हूं… मैं आपसे प्यार करती हूं। आप लोगों ने हमेशा मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ दिया है। जय मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत उपहार है। सच में सपना देखा था, उसके साथ सुखी जीवन।
अपने वादे तोड़ने के लिए मुझे वास्तव में खेद है। जय,आप मेरे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और मेरे लिए आशीर्वाद हैं….। मैं हमेशा आपके साथ रहती हूं और आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने और आपके सपनों को पूरा करने के लिए आपका उत्साहवर्धन करती हूं। तुम खुश रहो….आय लव यू।